हेल्थ डेस्क. हाल ही में हुई एक स्टडी में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि नर्व ब्लॉक प्रसीजर से पहले अगर मरीजों को रिलैक्सिंग म्यूजिक सुनाया जाए तो यह उतना ही असरदार होता है जितनी की midazolam दवा जिसे सीधे मरीज के वेन्स में डाला जाता है। पेरिफेरल नर्व ब्लॉक प्रसीजर एक तरह का रीजनल ऐनस्थीसिया है जिसे ऑपरेशन वाली जगह पर अल्ट्रासाउंड के गाइडेंस में किया जाता है जो शरीर के किसी खास हिस्से में दर्द के अहसास को ब्लॉक कर देता है। यह प्रसीजर कई तरह की ऑर्थोपेडिक सर्जरी जैसे- हिप और घुटने की सर्जरी, हाथ और कोहनी की सर्जरी आदि में इस्तेमाल किया जाता है।
संगीत सुनना या बजाना, आमतौर पर इसे सिर्फ एक शौक के रूप में देखा जाता है। लेकिन दुनिया में तरह-तरह के शोधों का दावा है कि म्यूजिक कई समस्याओं का सफल इलाज हो सकता है। आइए जानते हैं, म्यूजिक से होने वाले कुछ ऐसे फायदें, जिनके बारे में नहीं जानते होंगे आप…
दौड़ने में फायदेमंदआपने अक्सर देखा होगा कि जो लोग सुबह रनिंग के लिए जाते हैं, उनके कानों में इयरफोन या हेडफोन होता है और वे अपनी पसंद का म्यूजिक सुनते हुए दौड़ते हैं। दरअसल, म्यूजिक का असर आपके स्टैमिना और स्पीड पर पड़ता है।
स्ट्रेस की छुट्टीऐसा पाया गया है कि आमतौर पर आपकी आधी से ज्यादा बीमारियों की जड़ होता है स्ट्रेस। स्ट्रेस को दूर करने का बेहद शानदार तरीका है, अपना पसंदीदा संगीत सुनना।
अगर आपको रात में नींद नहीं आती है तो आप सुकून देने वाला संगीत सुनें। निश्चित तौर पर आपको बेहतर नींद आएगी। दरअसल, संगीत मांसपेशियों को आराम देता है और उन विचारों की व्याकुलता को दूर करता है जो आपके सोने में बाधक हैं। इससे आपका मूड खुशमिजाज रहता है और सोचने-समझने की शक्ति भी बढ़ती है।
इतना ही नहीं अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित हैं तो वह समस्या भी धीरे-धीरे सुधरने लगती हैं। इसी वजह से आजकल अस्पतालों में भी संगीत का सहारा लिया जा रहा है। देखा गया है जिन मरीजों को संगीत सुनाया जाता है उनके स्वस्थ होने में समय कम लगता है।
अकेलापन और तनाव होगा दूर
रोजाना करीब 20 से 30 मिनट संगीत के संग बिताने से हमारा अकेलापन व तनाव भी दूर होता है। इससे आप बुढ़ापे में भी अपने आपको फ्रेश महसूस करेंगे। उम्र के साथ आपका दिमाग और याददाश्त भी तेज होगी क्योंकि संगीत से दिमाग की कसरत होती है। लखनऊ सिविल हॉस्पिटल की साइकायट्रिस्ट डॉ. दीप्ति सिंह कहती हैं, ‘मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के मामले में संगीत चिकित्सा के नतीजे बेहद ही रोचक और सुखद हैं। इससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता पर पॉजिटिव असर पड़ता हैं, तनाव वाले हार्मोन कम होते है। संगीत इंसान में जीने की भावना को जन्म देता है।’
सकारात्मक महसूस करेंगे आप
संगीत, कॉर्टिसोल के स्तर को कम करके तनावग्रस्त मांसपेशियों को आराम देता है। इससे आप पहले की तुलना में अधिक आशावादी और सकारात्मक महसूस करते हैं। कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है की म्यूजिक सुनने से दिमाग रिलैक्स मोड में चला जाता है। क्लासिकल म्यूजिक इसमें ज्यादा फायदेमंद हैं। रेग्युलर म्यूजिक सुनने से ब्रेन फंक्शन बेहतर होते हैं और क्रिएटिविटी बढ़ती है।
दर्द में तुरंत राहत महसूस होगी
दर्द चाहे तन का हो या मन का, संगीत दोनों में ही अपनी छाप छोड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए संगीत में गजब की क्षमता है। एक अध्ययन में पाया गया की असहनीय दर्द में जब रोगी को संगीत सुनाया गया तो वह अपने दर्द की प्रतिक्रिया देना भूल गया क्योंकि दर्द और चिंता से पीड़ित लोग बहुत जल्दी संगीत में अवशोषित हो जाते हैं और दर्द से तुरंत राहत महसूस करते हैं।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
संगीत से आपके शरीर में इम्यूनोग्लोबुलिन ए में वृद्धि होती है। यह ऐंटीबॉडी श्लेष्म प्रणाली में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है। इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है। याददाश्त तेज होती है।