बाहुबली मुख्तार कैसे बना माफिया, जानिए पूरी क्राइम कुंडली

नृपेंद्र कुमार मौर्य| navpravah.com 

नई दिल्ली | माफिया मुख्तार अंसारी की अस्पताल में मौत हो गई। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की तबियत बांदा जेल में अचानक खराब हो गई थी। बताया जा रहा है कि बैरेक में मुख्तार अंसारी अचानक बेहोश होकर गिर गया था। मंगलवार की अपेक्षा आज मुख्तार अंसारी की हालत ज्यादा खराब हुई थी. सूत्रों के अनुसार उसे हार्ट अटैक आया है । इससे पहले मंगलवार को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, उसे स्टूल सिस्टम की समस्या थी।

उत्‍तर प्रदेश की मऊ व‍िधानसभा सीट से पांच बार के र‍िकॉर्ड व‍िधायक रहे माफिया मुख्‍तार अंसारी का पूर्वांचल में 90 के दशक से रसूख शुरु हुआ जो 2017 में योगी आद‍ित्‍यनाथ सरकार बनने तक रहा। योगी सरकार बनने के बाद माफ‍िया से नेता बने मुख्‍तार पर श‍िकंजा कसना शुरु हुआ। योगी सरकार बनने से पहले पंजाब की रोपड़ जेल में बंद मुख्‍तार को यूपी में बांदा की जेल में स्‍थानांतर‍ित क‍िया गया। जहां उसे हाइस‍िक्‍योर‍िटी बैरक में रखा गया है। मुख्‍तार अंसारी की बेनामी संपत्‍त‍ि जब्‍त करने के ल‍िए आयकर व‍िभाग आपरेशन पैंथर चला रहा है। अबतक मुख्‍तार की 500 करोड़ से अध‍िक की संपत्‍त‍ि जब्‍त की जा चुकी थी। 

यूपी के गाजीपुर में हुआ था जन्म

मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में 3 जून 1963 को हुआ था। उसके पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था। मुख्‍तार अंसारी तीन भाईयों में सबसे छोटा है। उसके पत्‍नी का नाम अफशां अंसारी है। मुख्‍तार के दो बेटे अब्‍बास अंसारी व उमर अंसारी है।

क्राइम की दुनिया में पहली बार आया नाम

1988 में मुख्तार का नाम क्राइम की दुनि‍या में पहली बार आया। मंडी परिषद की ठेकेदारी को लेकर लोकल ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या के मामले में मुख्‍तार का नाम सामने आया। इसी दौरान त्रिभुवन सिंह के कॉन्स्टेबल भाई राजेंद्र सिंह की हत्या बनारस में कर दी गई। इसमें भी मुख्तार का ही नाम सामने आया।

मुख्‍तार अंसारी का कालेज स्‍टूडेंट से माफ‍िया बनने का सफर

90 के दशक में ये वो दौर था जब पूर्वांचल में एक नये तरह का अपराध स‍िर उठा रहा था। रेलवे शराब और दूसरे सरकारी ठेके हासिल करने की रेस में अपराध‍ियों के कई गैंग उभरने लगे थे। पूर्वांचल में माफ‍िया डॉन और बाहुबली तेजी से उभर रहे थे।

गाजीपुर के कॉलेज में पढ़ाई कर रहे मुख्‍तार को इस ताकत का अंदाजा लग चुका था। उन्‍हीं द‍िनो मुख्‍तार ने एक बाहुबली मखनू स‍िंह से हाथ म‍िला ल‍िया। मखनू स‍िंह पूर्वांचल के द‍िग्‍गज नेता हर‍िशंकर त‍िवारी का खास हुआ करता था। तभी मखनू स‍िंह की त्र‍िभुवन स‍िंह के साथ एक जमीन पर कब्‍जे को लेकर गैंगवार में लाशें ग‍िरने का स‍िलस‍िला शुरु हो गया। तभी एक कोर्ट पर‍िसर में हुए एक गोलीकांड के बाद एक नाम उभर कर आया। नाम था मुख्‍तार अंसारी। इसमें मखूनी के दुश्‍मन साह‍िब स‍िंह की गोली लगने से हत्‍या हुई थी। कत्‍ल के बाद जो नाम सुर्ख‍ियों में आया वो मुख्‍तार का था। कहा जाता है वो गोली मुख्‍तार ने चलाई थी, लेक‍िन क‍िसी ने उसे गोली चलाते हुए देखा भी नहीं था। स‍िंगल गन शॉट में कत्‍ल का यह केस बेहद रहस्‍यमय और हैरान करने वाला था। कुछ द‍िन बाद पुल‍िस लाइन के अंदर खड़े हुए एक दीवान की इसी अंदाज में हत्‍या हुई थी। नाम था राजेन्‍द्र स‍िंह। इस हत्‍या के बाद भी जो नाम सामने आया वो मुख्‍तार का ही था। यहीं से शुरु हुआ मुख्‍तार अंसारी के पूर्वांचल के बहुबली और यूपी के माफ‍िया डान बनने का स‍िलस‍िला।

ये भी कहा जाता है कि उसने अपने इलाके में खूब काम किए जिसे जनता ने सराहा है। उसने सड़कें, पुल से लेकर गरीबों के लिए घर क बनवाएं थे। 

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