नई दिल्ली। नए साल पर केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। डिजिटल पेमेंट यानि कि Rupay Card, UPI ट्रांजैक्शन करने वालों को अब एमडीआर शुल्क नहीं देना होगा। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSBs) के प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक के बाद चुनिंदा पेमेंट मोड पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) शुल्क को खत्म करने की घोषणा की है। जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्री ने कहा है कि नोटिफाइड पेमेंट पर कोई एमडीआर शुल्क देने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे में आपके दिमाग में यह बात आ रही होगी कि आखिर एमडीआर शुल्क होता क्या है और इसका भुगतान किसे करना होता है।
दरअसल, जब किसी दुकान पर कोई व्यक्ति अपना कार्ड स्वैप करता है तो जो शुल्क दुकानदार को अपने सर्विस प्रोवाइडर को देना होता है, उसे ही एमडीआर शुल्क कहते हैं। यह शुल्क ऑनलाइन लेनदेन एवं क्यूआर आधारित ट्रांजैक्शन पर लागू होता है।