- हाकिम कर रहे अश्लील हरकत व उत्पीड़न, आशाकर्मियों ने खोला मोर्चा
- प्रदर्शन कर सीएमओ को सौंपा ज्ञापन, केंद्र पर अनावश्यक बुलाकर परेशान करने व सुविधा शुल्क की मांग करने का मढ़ा आरोप
रामकृष्ण पाण्डेय
ब्यूरो रिपोर्ट: नवप्रवाह.कॉम
भदोही (यूपी)। स्वास्थ्य मंत्री व सूबे के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का निर्देश और दखल विभाग के अफसरों के लिए बौना साबित हो रहा है। मरीजों का इलाज करने वाला स्वास्थ्य महकमा खुद को स्वस्थ नही रख पा रहा है। इन दिनों भदोही का स्वास्थ्य विभाग भी अलग-अलग विवादों को लेकर आये दिन सुर्खियों में रह रहा है। अब एक नया मामला जिले के अभोली ब्लॉक क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भानीपुर से सामने आया है। जहां स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों के गिरी हरकतों से परेशान आशा संगिनी एवं आशा बहुओं ने मोर्चा खोला है।
शुक्रवार को बड़ी संख्या में सीएमओ कार्यालय पहुंचीं आशा कर्मियों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। आरोप लगाया कि सीएचसी के अधिकारी आये दिन उन्हें परेशान कर रहे हैं। उनके साथ अश्लील एवं ओछी हरकत तथा तमाम तरह से उत्पीड़न करते हैं। आरोप लगाया कि भानीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारी अनावश्यक ही केंद्र बुलाते हैं। बात-बात पर उनका पैसा काट लिया जाता है। 2017 से अब तक प्रसव कराने का भुगतान नहीं किया गया। केंद्र पर बुलाकर न तो ट्रेनिंग दी जाती है और न ही कोई अन्य आवश्यक बात होती है। उनसे अश्लील बातें कर उत्पीड़न किया जाता है। रविवार को होने वाले स्वास्थ्य मेले में लंच देने की बात होती है, लेकिन नहीं दिया जाता। पैसा वसूली करने हेतु लेटर बना दिया जाता है। आरोप लगाया कि अगर स्वास्थ्य केंद्र पर वह अपने पति के साथ पहुंचती हैं, तो उनको भी बेइज्जत किया जाता है। पत्रक सौंप उन्होंने जिला चिकित्साधिकारी से मांग किया कि आशा बहुओं और संगिनी संग ऐसी हरकत पर रोक लगे और मामले की जांच कराकर दोषी अफसरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। कहा कि यदि कार्रवाई नहीं की गई, तो वह मामला मुख्यमंत्री तक पहुँचाने से पीछे नही हटेंगी।
● आये दिन लग रहे आरोप, खुद बीमार चल रहा भदोही का स्वास्थ्य महकमा
कालीन नगरी भदोही का स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में हैं। आये दिन नए नए आरोप महकमे के हाकिमों पर लग रहे हैं। लेकिन उनके मनमानी का सिलसिला बदस्तूर जारी है। कानून उनके ठेंगें पर है और संवेदना तो जैसे उनमें बची ही नही। बची खुची इज्जत पर भी दाग लगना शुरू हो गया है। जिले के भदोही स्थित जिला अस्पताल के सीएमएस के निजी अस्पताल में बैठने व एक मरीज को इलाज हेतु निजी अस्पताल में भेज इलाज हेतु मोटी रकम मांगने के मामले में दोषी पाए जाने का मामला अभी ठंडा नही हुआ था कि अभोली ब्लॉक के सीएचसी पर भी आरोपों का धुआं उठ गया। पचासों की संख्या में एकत्र आशा कर्मियों ने उत्पीड़न व अश्लीलता करने का आरोप मढ़ दिया है।
उधर बताया जाता है कि एक माह पूर्व औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से एक एएनएम को कमरा दिलाने को लेकर फार्मासिस्ट से अंदरखाने विवाद हो गया था। जिसे किसी तरह विभागीय लोगों द्वारा संभाला गया। भदोही के सरकारी चिकित्सक बाहर से दवाएं लिखने के लिए काफी मशहूर हैं। कुछ माह पूर्व ही प्रभारी मंत्री दानिश आजाद अंसारी के जिला अस्पताल ज्ञानपुर के निरीक्षण के दौरान भी कई मरीजों व उनके तीमारदारों ने बाहर से दवाएं लिखने का पर्ची दिखाकर आरोप लगाया था।
यहां स्वास्थ्य महकमे के हाकिम पूरी तरह निर्भीक हैं, उन्हें पता है उनपर इतनी आसानी से तो कोई कार्रवाई होने वाली है नही, इसीलिए उनके फितरत में बदलाव नही आ रहा है। अब ऐसे बेदर्द हाकिमों पर आशा कर्मियों के आरोप की जांच और कार्रवाई में ईमानदारी से होगी भी या नही, यह तो अब इससे जुड़े लोग ही तय कर रहे हैं। फिलहाल लोगों की नजरें बिगड़े विभाग को ठीक करने हेतु कर्मठ व तेज तर्रार जिलाधिकारी गौरांग राठी पर भी हैं, जो उनकी सोच व शासन के निर्देशों को पलीता लगा रहे हैं।