इशिका गुप्ता| navpravah.com
नई दिल्ली | सुल्तानपुर एनकाउंटर मामले में मंगेश यादव के परिवार ने आरोप लगाया है कि एनकाउंटर फर्जी था। परिवारवालों का कहना है कि पुलिस ने मंगेश को 2 सितंबर की रात उनके घर से उठाया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने उन्हें बताया कि मंगेश को पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा है और एक-दो दिन में छोड़ दिया जाएगा। लेकिन 5 सितंबर को पुलिस ने मंगेश का फर्जी एनकाउंटर कर दिया। मंगेश की बहन ने भी कहा कि अगर मंगेश सच में बड़ा अपराधी होता, तो वह टूटे-फूटे मकान में नहीं रहता।
सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव के एनकाउंटर ने गंभीर विवाद पैदा कर दिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी जैसे बड़े नेताओं ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। मंगेश यादव के परिवार का भी कहना है कि एनकाउंटर फर्जी था। उनके अनुसार, पुलिस ने मंगेश को 2 सितंबर की रात उनके घर से उठाया और कहा कि उसे पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा है, और एक-दो दिन में छोड़ दिया जाएगा। लेकिन 5 सितंबर को उसका फर्जी एनकाउंटर कर दिया गया।
जौनपुर के बक्सा थाना क्षेत्र के अगरौरा गांव की निवासी मंगेश यादव की छोटी बहन प्रिंसी का कहना है कि उसके भाई ने 28 अगस्त को वारदात के दिन अपनी फीस जमा करने के लिए स्कूल जाना था। चूंकि वह फीस कार्ड ले जाना भूल गया था, इसलिए उस दिन फीस जमा नहीं हो पाई। प्रिंसी के मुताबिक, उसका भाई सुबह 9 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक उसके साथ ही था, इसलिए वह घटना को अंजाम नहीं दे सकता था। प्रिंसी ने यह भी कहा कि अगर उनका भाई सच में अपराधी होता, तो वे टूटे-फूटे मकान में नहीं रहते और घर में एक बाइक तक नहीं होती। प्रिंसी ने बताया कि सोमवार की रात लगभग 2 बजे पुलिस वाले उनके घर आए, मंगेश को पूछताछ के लिए ले गए, घर की तलाशी ली, उसे दो तमाचे मारे और घरवालों को धमकाया। इसके बाद गुरुवार की सुबह एनकाउंटर की खबर आई।
मंगेश यादव के पिता राकेश यादव, जो गुजरात में ट्रक ड्राइवरी करते हैं, ने कहा है कि उनका बेटा जुलाई में करीब 7 महीने बाद गुजरात से लौटा था। राकेश ने सवाल उठाया कि अगर मंगेश वास्तव में बड़ा अपराधी होता, तो उनके पास ऐसा घर नहीं होता। उन्होंने कहा कि लूट या डकैती के बाद कोई भी अपराधी अपने ही घर में रात नहीं बिताता। राकेश ने यह भी कहा कि जब पुलिस ने मंगेश को सही-सलामत घर से उठाया था, तो उसके बाद एनकाउंटर कैसे हुआ? उन्होंने आरोप लगाया कि हर दिन नई कहानी बनाई जा रही है और अब उन्हें सीबीआई जांच की उम्मीद है।
सुल्तानपुर में सर्राफा कारोबारी की दुकान से दिनदहाड़े हुई करोड़ों की लूट के मामले में, एसटीएफ ने 5 अगस्त को मंगेश यादव को एनकाउंटर में मार गिराया था। इस एनकाउंटर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा कि लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों के सत्ता पक्ष से गहरे संबंध थे, इसलिए मुख्य आरोपी को नकली एनकाउंटर से पहले संपर्क करके सरेंडर कराया गया और अन्य संदिग्ध लोगों को केवल दिखावटी गोली मारी गई। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि जाति के आधार पर जान ली गई।