पवना नदी के किनारे रही औद्योगिक कंपनियों से जहरीले केमिकल नदी के पानी में छोड़े जाने से नदी में विभिन्न प्रजातियों की मछलियों की मौत हो रही है. गत सप्ताह से अब तक तीन बार पवना नदी पर रावेत में बने तटबंध के पास मृत मछलियों का अंबार पाया गया. इससे पवना नदी प्रदूषण का मुद्दा फिर गहरा गया है. गत सप्ताह पिंपरी चिंचवड़ की महापौर ऊषा ढोरे ने भी यहां का मुआयना किया था और तब उन्होंने नदी में केमिकल युक्त मैला पानी छोडनेवाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
पवना बांध से शुरू होनेवाली पवना नदी धामणे, जांबे, मामुर्डी, किवले, रावेत मार्ग से होकर पिंपरी चिंचवड शहर से बहती है. इसे पिंपरी चिंचवडकरों की जीवनवाहिनी कहा जाता है. पवना नदी पर रावेत में रहे तटबंध से ही पूरे शहर को जलापूर्ति की जाती है. बीते कुछ दिनों से पवना नदी का प्रदूषण का मसला गहन बन गया है. स्थानीय लोगों के अनुसार बीते सप्ताह से अब तक तीन बार पवना नदी के किनारे मृत मछलियों का अंबार लगा मिला है. नदी में कंपनियों से बिना प्रक्रिया के जहरीले केमिकल छोड़ने, मैलापानी छोड़ने से नदी का पानी जहरीला बनता जा रहा है. इससे नदी में रही विभिन्न प्रजातियों की मछलियों व अन्य जलचरों का विनाश हो रहा है.
अभी चार दिन पहले महापौर ऊषा ढोरे ने खुद रावेत तटबंध का मुआयना कर मृत मछलियों का निरीक्षण किया था. उन्होंने नदी प्रदूषण करनेवाली कंपनियों और नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिये थे. इसके बाद आज पुनः यहां मृत मछलियों का अंबार लगा मिला है. मनपा के पर्यावरण विभाग के कार्यकारी अभियंता संजय कुलकर्णी ने बताया कि, रावेत तटबंध के पानी की टेस्ट की गई है. इससे लोगों के स्वास्थ्य के खतरा निर्माण होने जैसी परिस्थिति नहीं है. तीन दिन पहले मनपा की एक टीम ने नदी में केमिकल छोड़ने वाले तीन टैंकर पकड़े, उनका केमिकल युक्त पानी भी टेस्ट के लिए लैब में भेजा गया है, उसकी रिपोर्ट आने के बाद संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.