सीबीआई के विशेष न्यायाधीश स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत ने आज लालू यादव को तीसरे मुक़दमे में 5 साल की सजा सुनाई है और इसके साथ उनके ऊपर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं बिहार के एक और पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को भी 5 साल की सजा सुनाई गई है। आज मिश्रा फैसले के समय अदालत में मौजूद नहीं थें, क्योंकि उनकी पत्नी का देहांत हो गया है।
अब लालू यादव के वकीलों को तीसरे मुकदमे में भी जमानत के लिए उच्च न्यायालय में अलग से याचिका दायर करनी पड़ सकती है। वहीं अबतक लालू यादव को पिछले मुकदमें में जमानत नहीं मिली है और अब वह एक और मुकदमें में दोषी करार दिए गए हैं, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले मामले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 33 करोड़, 67 लाख फर्जी ढंग से निकलने के मामले में सजा सुनाई गई है। चारा घोटाले के चाईबासा मामले में बहस 10 जनवरी को ही पूरी हो गई थी और इन मामले में अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था।
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद नेता रघुवंश प्रसाद ने कहा कि हम पहले भी झटके झेल चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि अब हम दो स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे, एक कानूनी और दूसरी लड़ाई रास्ते पर लड़ी जाएगी। वहीं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू यादव को भाजपा और आरएसएस ने फंसाया है और इनमें सीएम नितीश कुमार की भूमिका सबसे बड़ी रही है। उन्होंने आगे सीबीआई की विशेष अदालत का फैसलाआखिरी नही है और हमारे पास विकल्प है। हम इस फैसले को चुनौती उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में देंगे।