2014 के मुजफ्फरनगर की तरह, ‘कासगंज दंगा’ 2019 की तैयारी है -पूर्व आईपीएस

पूर्व आईपीएस ने कासगंज दंगे पर दिया बयान

सौम्या केसरवानी। Navpravah.com

कासगंज में गणतंत्र दिवस पर भड़की हिंसा के बाद इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। पक्ष-विपक्ष के साथ कई संगठनों और पूर्व अफसरों ने भी इस मामले में आरोप-प्रत्यारोप लगाने शुरू किए हैं। इसी क्रम में गुजरात के बर्खास्त आईपीएस अफसर संजीव भट्ट ने ट्वीट कर कासगंज हिंसा के पीछे राजनीतिक साजिश का इशारा किया। उनके ट्वीट पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

संजीव भट्ट ने आज ट्वीट कर कहा है, ‘कासगंज तो शुरुआत है, यह लो-ग्रेड सांप्रदायिक बुखार 2019 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा, ठीक उसी तरह जैसे 2014 के लिए मुजफ्फरनगर कांड हुआ था। इस बार यह और बड़े पैमाने पर होगा और इसका असर गहरा होगा।’ उनके इस ट्वीट के बाद कुछ लोगों ने पूर्व पुलिस अफसर पर विपक्षी नेताओं से मिलीभगत का आरोप लगाया। राजीव चड्ढा ने कहा कि भारत आप पर भरोसा नहीं करता भट्ट।

इस मामले में पुलिस ने अब तक दोनों पक्षों से 112 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घटना में सात लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज है। मुख्य आरोपी शकील फरार बताया जा रहा है। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अभी स्थिति को नियंत्रण में है, कस्बे में तनावपूर्ण शांति है। हिंसा में शामिल लोगों को चिह्नित कर गिरफ्तार किया जा रहा है। कासगंज में नेताओं के जाने पर भी रोक लगा दी गई है और इस मामले की जाँच तेजी से की जा रही है।

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