करवाचौथ पर महिलाएं ये टिप्स अपनाकर जीतें अपना चांद का दिल !

जीवनशैली डेस्क. विवाह मात्र रस्म नहीं, यह दो लोगों के परस्पर मन को जोड़ने वाला तार है इसलिए यदि दांपत्य जीवन की लय-ताल में तालमेल हो तो सरगम सुमधुर बन जाती है। वहीं अगर मन मिलने को राजी न हों तो कर्कशता जिंदगी भर का साथ हो जाती है।

दांपत्य जीवन से जुड़ी परंपराएं व त्योहार आपसी प्रेम तथा सामंजस्य को बल देते हैं। तो यह त्योहार केवल प्रतीक क्यों बनें? क्यों न हम इनकी गहराई को दांपत्य जीवन की नींव बना लें और गृहस्थी के आंगन में हमेशा चौथ के चांद को चमकता देखें।

करवा चौथ व्रत: पौराणिक-प्रामाणिक पूजन विधि

सगाई, सिंदूर, मंगलसूत्र, संबंधियों की उपस्थिति में सात फेरों व सात वचनों द्वारा सात जन्म तक पति-पत्नी बने रहने की शपथ लेने वाले वर-वधू का दांपत्य जीवन रूपी संगीत कुछ ही दिनों में क्यों बेसुरा हो जाता है?

क्यों कुछ जोड़े शादी के सभी बंधन व कसमें तोड़कर तलाक लेने पर उतारू हो जाते हैं? यदि ऐसे टूटते रिश्तों का विश्लेषण किया जाए तो एक बात सामने आती है। वैचारिक मतभेद एवं एक-दूसरे की भावनाओं का आदर न करना यहां यह सबसे बड़ी कमी होती है।

जरूरी है कि पति-पत्नी आपस में समझ को विकसित करें। आखिर ये आप दोनों के जीवन का प्रश्न है। किसी एक त्योहार पर ही एक-दूसरे के प्रति आस्था का प्रदर्शन करने के बजाय हर दिन उस त्योहार सा मानकर अपने रिश्ते को सार्थकता प्रदान करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.