लखनऊ. हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के हत्या करने वाले मुख्य आरोपितों के निशाने पर कई हिंदू संगठन के नेता एवं शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी समेत अन्य लोग भी थे। कमलेश तिवारी की हत्या के बाद आरोपी वसीम रिजवी को भी मारने की योजना थी।
पूछताछ में पता चला है कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने राम जन्मभूमि नाम से एक फिल्म बनाई थी, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। इससे कई कट्टरवादी संगठन नाराज थे। इसके अलावा हरियाणा की महिला सोनू डांगर समेत तीन अन्य लोग भी इनकी हिटलिस्ट में थे।
पुलिस सुत्रों के मुताबिक, हत्यारोपितों की सूची में कमलेश तिवारी के साथ-साथ हिंदू समाज पार्टी के पश्चिमी यूपी प्रभारी गौरव गोस्वामी भी शामिल थे। दोनों आरोपी अशफाक और मोइनुद्दीन ने गौरव से बात कर इटावा आने को कहा था, लेकिन किसी कारण से उन्होंने इन्कार कर दिया था। आरोपित कमलेश के साथ-साथ गौरव को भी मारने की तैयारी में थे।
आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें इसका जरा भी इल्म नहीं था कि कमलेश की हत्या इतना बड़ा मुद्दा बन जाएगा। उन्हें लगा कि सामान्य हत्याकांड की तरह जिले की पुलिस उनके बारे में पता लगाएगी और फिर सबकुछ शांत हो जाएगा। हालांकि, मददगारों से उन्हें पता चला कि उनके पीछे एसटीएफ, एटीएस व लखनऊ पुलिस के अलावा गुजरात व कर्नाटक की पुलिस भी पड़ी है तो उन्होंने सरेंडर करने की योजना बनाई थी।
कमलेश तिवारी की हत्या के बाद कुल आठ लोगों के पकड़े जाने के बाद लखनऊ कनेक्शन से इन्कार नहीं किया जा सकता है। पुलिस ने हत्या से कुछ देर पहले आरोपितों के साथ सीसी फुटेज में कैद हुई महिला से पूछताछ की है। सूत्रों के मुताबिक बरेली के मददगार नावेद को पकड़ा गया है, जिसे लखनऊ लाया जा रहा है। नावेद से पूछताछ के बाद आरोपितों के महिला से संबंध और राजधानी कनेक्शन की पुष्टि होगी।