वर्ल्ड डेस्क। Citizenship amendment act 2019 पर भारत को America का समर्थन मिला है। अमेरिका ने कहा कि नागरिकता और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दों पर देश के अंदर बहस होने को लेकर भारतीय लोकतंत्र का सम्मान करता है। अमेरिकी सरकार में मंत्री माइक पॉम्पिओ ने 2+2 बातचीत के समापन पर कहा, ‘हम हर जगह अल्पसंख्यकों और धार्मिक अधिकारों की रक्षा के बारे में परवाह करते हैं। हम भारतीय लोकतंत्र का सम्मान करते हैं।
माइक पॉम्पिओ से पूछा गया आपका राज्य विभाग दुनिया भर में धार्मिक अधिकारों का एक मुखर समर्थक है। क्या आपको लगता है कि लोकतंत्र के लिए नागरिकता के लिए एक निर्धारित मानदंड के रूप में विश्वास का उपयोग करना उचित है।
विदेश मंत्री S। Jaishankar ने कहा, आपने भारत से संबंधित सवाल किया है। यदि आपने उस विशेष कानून पर हो रही बहस को फॉलो किया है तो आप देखेंगे कि यह एक ऐसा उपाय है, जो कुछ देशों में प्रताड़ित हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है।’
वहीं माइक पॉम्पिओ ने कहा कि अमेरिका न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में इन मुद्दों पर प्रतिक्रिया देता रहा है। भारत में धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकार का मुद्दा 2+2 वार्ता के दौरान सामने आया। पिछले दिनों, राज्यों के सचिव ने अपनी द्विपक्षीय बैठकों में अपने भारतीय समकक्षों के साथ मानवाधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को उठाया था।