हेल्थ डेस्क. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बाहर के खान-पान के चलते लोग अक्सर पेट की बीमारियों से परेशान रहते हैं। इसका मुख्य कारण यह भी है कि हम अपने भोजन में फाइबर पदार्थों को शामिल नहीं करते हैं। आज तो हमारे पास तमाम तरह की दवाएं उपलब्ध रहती हैं, जिन्हें खाने से हम अपनी परेशानियों से तुरंत छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन कभी सोचा है हमारे पूर्वज होमोसेपियंस खुद को कैसे दुरुस्त रखते थे। वे कंद-मूल यानी फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का खाकर अपनी इम्यूनिटी बनाए रखते थे। हाल ही में हुए एक अध्ययन में भी शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि आज से एक लाख 70 हजार साल पहले आधुनिक मनुष्य कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा वाला भोजन करते थे।
दक्षिण अफ्रीका में खोदाई के दौरान शोधकर्ताओं ने ऐसे पौधों के अवशेष खोजे हैं जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि आधुनिक मनुष्य रेशेदार भोजन के शौकीन थे। दक्षिण अफ्रीका की विटवाटरसैंड (विट्स) यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा, ‘हाइपोक्सिस एसपी नामक पौधे (एक प्रकार के फूल का पौधा) की जड़ें मध्य पाषाण युग के मनुष्यों के लिए भोजन का सबसे अच्छा स्नोत रही होंगी। क्योंकि कंद-मूल आसानी से उपलब्ध हो जाता है और इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए भी विशेष मशक्कत नहीं करनी पड़ती।
वैज्ञानिकों का मानना है कि पूरे अफ्रीका महाद्वीप में रेशेदार जड़ें उस युग में आसानी से उपलब्ध रहती होंगी। इस अध्ययन के सह- लेखक और विट्स से जुड़े लिन वडले ने कहा, ‘यह अध्ययन अब तक हुए शोधों की तुलना में सबसे पुराना है। साथ ही यह बताता है कि उस काल में आधुनिक मनुष्य किस प्रकार जीवन जीते थे।’ उन्होंने कहा कि जिस काल की हम बात कर रहे हैं उस दौर में निश्चित रूप से मनुष्य लकड़ी से जमीन खोद कर जड़ों को निकालते होंगे।
शोधकर्ताओं का कहना है कि फलों को छिलकों समेत खाने से भी हमारे शरीर को फाइबर प्राप्त होता है जो हमारी पेट की बीमारियों को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है। एक अन्य अध्ययन के मुताबिक, रेशेदार खाद्य पदार्थ न सिर्फ कब्ज ठीक करते हैं बल्कि डाइबिटीज, अस्थमा, हृदय संबंधी रोग और कैंसर कोशिकाओं को पनपने से बचाते हैं।