करियर डेस्क। IIT इंस्टीट्यूट को लेकर एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पिछले 5 साल में देशभर के IIT इंस्टीट्यूट से BTech कर रहे छात्रों में से 7 हजार से अधिक स्टूडेंट्स ने पढ़ाई छोड़ दी है। इसका खुलासा मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में दिए एक बयान के बाद हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक IIT (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) में पिछले पांच वर्षों में 7,248 छात्रों ने इंजीनियरिंग की पढाई छोड़ी है। लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान जारी करते हुए बताया कि पिछले पांच साल में सात हजार से अधिक छात्रों को बीटेक पहले ही छोड़ने की अनुमति दी गई है।
हालांकि सभी छात्रों को दूसरे विषय को विकल्प के रूप में चयन करने की मंजूरी दी गई। जिसके तहत सभी छात्रों को दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई के बाद बीटेक की पढ़ाई छोड़कर बीएससी पढ़ने की अनुमति दी गई। माना जा रहा है कि पढाई के दबाव के चलते छात्र यह कदम उठा रहे है।
इससे पहले एक आरटीआई में खुलासा हुआ है कि पिछले पांच वर्ष के दौरान देश के 10 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) के 27 छात्रों ने आत्महत्या की। इस लिस्ट में IIT मद्रास का नाम सबसे ऊपर है, जहां सर्वाधिक सात छात्रों ने अपनी जान दी।
आरटीआई के तहत मिले जवाब में बताया गया है कि वर्ष 2014 से 2019 के बीच अब तक 18 छात्रों ने आत्महत्या की है। जिसमें IIT मद्रास के सात, IIT खड़गपुर के पांच और IIT दिल्ली और IIT हैदराबाद के तीन-तीन छात्रों ने आत्महत्या की।