पारुल पांडेय | Navpravah.com
ओमेगा 3 फैटी एसिड और फाइबर के गुणों से भरपूर अलसी (Flaxseeds) वजन घटाने में काफी लाभकारी मन जाता है। आए दिन बढ़ते वज़न को देखते हुए बाज़ार में इसकी मांग भी तेज़ी से बढ़ी है। अलसी के बीज महिलाओं के लिए तो और भी लाभकारी माने जाते हैं, लेकिन इसके कई साइड-इफेक्ट्स भी हैं, जिसपर किसी का ध्यान नहीं जाता है।अलसी का ज्यादा सेवन भी आपकी सेहत को नुकसान पहुुँचा सकता है।
अगर आप ने अलसी ज्यादा मात्रा में खा ली है , तो आप लूज़-मोशन का शिकार हो सकते हैं।जबकि अलसी का सेवन सही मात्रा में हो, तो आपको कब्ज से छूटकारा मिलता है और अच्छी तरह पेट की सफाई भी होती है।हालांकि, जरूरत से ज्यादा खाने पर आप को बार-बार वॉशरूम भी जाना पड़ सकता है।यही नहीं डायरिया की आशंका भी रहती है।
ज्यादा अलसी खाने से आप एलर्जी के शिकार भी हो सकते हैं। घबराहट, पेट में दर्द और उल्टी की शिकायत होने के साथ ही आपको ज्यादा अलसी के सेवन से सांस लेने में रुकावट, लो ब्लड प्रेशर और तीव्रग्राहिता जैसे एलर्जिक रिएक्शन भी हो सकते हैं।
जो महिलाएं रोजाना अलसी के बीज खाती हैं, उनके पीरियड साइकिल में बदलाव आ सकता है। अलसी के बीज एस्ट्रोजन की तरह काम करते हैं। वहीं जो महिलाएं हार्मोनल परेशानियों से जूझ रही हैं, यानि पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, यूटरिन फायब्रॉयड्स, यूटरिन कैंसर और ओवरी कैंसर, उन्हें अलसी को अपनी डाइट में शामिल करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए। ज्यादा मात्रा में अलसी खाने से इन दिक्कतों की वजह से बांझपन का खतरा बढ़ सकता है। इतना ही नहीं, अलसी के बीजों में एस्ट्रोजन होने के चलते इससे पीरियड्स आ सकते हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं को अलसी के बीज खाने की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इन्हें खाने से पीरियड्स आ सकते हैं। जो होने वाले बच्चे और मां दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
विशेषज्ञों की मानें, तो पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लिए बिना जरूरत से ज्यादा अलसी खाने से आंतों में ब्लॉकेज आ सकता है। जिन्हें पहले से ही इस तरह की शिकायत रही है, उन्हें अलसी के बीज नहीं खाने चाहिए। खासतौर से Scleroderma के मरीजों को इन्हें नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे भयानक कब्ज हो सकता है। हालांकि अलसी के तेल का इस्तेमाल Scleroderma के इलाज के लिए किया जाता है।