एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने 1.8 अरब डॉलर की धोखाधड़ी का पता लगने के बाद अपने कर्मचारियों का ट्रांसफर कर दिया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि पीएनबी ने 18,000 कर्मचारियों का स्थानांतरण कर दिया है। लेकिन कंपनी ने इस आंकड़े को झुठलाते हुए बैंक ने अपने अधिकारिक बयान में 1,415 कर्मचारियों के ट्रांसफर की बात कही है, जो एक रोटेशनल ट्रांसफर नीति के तहत किया गया है।
पीएनबी ने ट्वीट किया है कि मीडिया में ऐसी खबरें आ रही थीं कि बैंक ने करीब 18,000 कर्मचारियों का स्थानांतरण कर दिया है। यह तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। बैंक ने 257 सब स्टाफ, 437 क्लर्क और 721 अधिकारियों (कुल 1,415 कर्मचारियों) का 19 फरवरी, 2018 से ट्रांसफर किया है, जो कि बैंक की रोटेशनल ट्रांसफर नीति के तहत है। ट्वीट में आगे कहा गया है कि बैंक की शाखाओं का काम ‘सुचारु रूप से चल रहा है’ और स्थानांतरण से ग्राहक सेवा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
बैंक का इन अधिकारियों को स्थानांतरित करने का फैसला इसके मुंबई स्थित ब्राडी हाउस शाखा में हुए 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद आया है, जिसमें बैंक अधिकारियों भी सम्मिलित बताए जा रहे थे।
आपको बता दें कि सीबीआई ने 17 फरवरी को पीएनबी के सेवानिवृत्त उपप्रबंधक गोकुलनाथ शेट्टी और बैंक के सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खरात को इस खरबों रुपये के घोटाले में गिरफ्तार किया है। दोनों अधिकारी सालों से पीएनबी की एक ही शाखा में काम करते रहे, जबकि बैंक की नीति के अनुसार हर दो-तीन साल में ट्रांसफर का प्रावधान है।