हाथरस में कथित गैंगरेप मामले में एक बार फिर पुलिस की अमानवीयता सामने आई है. बताया जाता है कि पुलिस ने बीती रात पीड़ित का अंतिम संस्कार कर दिया. अंतिम संस्कार के पहले पुलिस ने परिजनों को लड़की के अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिए. परिजन का आरोप है कि पुलिस ने जबर्दस्ती अंतिम संस्कार किया और उन्हें आखिरी बार चेहरा तक नहीं देखने दिया गया. पीड़ित के भाई ने कहा, ‘हमें नहीं पता पुलिस ने किसे जलाया.
_ पीड़िता के परिजनों से पुलिस की बर्बता
उन्होंने पुलिस पर अपने रिश्तेदारों के साथ मारपीट करने और उन्हें गांव पहुंचने से रोकने का आरोप भी लगाया. पीड़ित के बड़े भाई ने कहा, ‘महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे घर की महिलाओं के साथ मारपीट की. रिश्तेदारों को गांव तक नहीं आने दिया. जबर्दस्ती रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया. हम उनसे कहते रहे कि कम से कम सुबह होने के इंतजार करें, लेकिन हमारी एक नहीं सुनी. उन्होंने तो हमारे रीति-रिवाजों तक का ख्याल नहीं रखा.
_ जीभ काटने, रीढ़ की हड्डी तोड़ने की बात से मुकर रही पुलिस
पीड़ित का परिवार अब पुलिस पर मामले को किसी भी तरह निपटाने का आरोप लगा रहा है. बताया, ‘पुलिस अब कह रही है कि उसकी जीभ नहीं कटी थी, रीढ़ की हड्डी नहीं टूटी थी. वे किसी भी तरह इस मामले को निपटा देना चाहते हैं. पुलिस ने अभी तक गैंगरेप किए जाने की पुष्टि भी नहीं की है. मीडिया को भी गांव में नहीं आने दिया जा रहा है, हमसे बात नहीं करने दी जा रही है. वो तो किसी तरह कुछ पत्रकार पहुंच गए. नहीं तो हमारे साथ भी कुछ भी हो सकता था.’
_ नहीं दी गई मेडिकल रिपोर्ट की कॉपी
परिजन का कहना है कि उन्हें लड़की की मेडिकल रिपोर्ट की कॉपी तक नहीं दी गई. हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट में अभी ये स्पष्ट नहीं है कि पीड़ित के साथ रेप हुआ या नहीं. वहीं सफदरजंग अस्पताल में बीती रात प्रदर्शन कर रहे आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर को हिरासत में ले लिया गया था.
_ गांववालों ने पुलिस को रोकने की कोशिश की
पीड़ित के शव को जब अंतिम संस्कार करने के लिए ले जाया जा रहा था तो गांववालों ने वाहन को रोकने की कोशिश की थी. कुछ लोग गाड़ी के बोनट से भी चिपक गए थे, लेकिन पुलिस वाले उन्हें हटाते हुए वाहन को अंतिम संस्कार स्थल तक ले गए और जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया.
_ अपराधियों का साथ दे रही पुलिस
पीड़ित के परिजन पुलिस पर मामलों को रफा-दफा करने का आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि पुलिस ने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर उसके दोबारा पोस्टमॉर्टम की संभावना को ही खत्म कर दिया. पीड़ित के भाई ने कहा कि हम दलित हैं इसलिए ये जबर्दस्ती की जा रही है. पहले बहन का गैंगरेप किया गया, फिर अपराधियों को गिरफ्तार करने में कोताही की गई और अब अंतिम संस्कार के दौरान ये सब किया गया. अब हमारे लिए सभी रास्ते बंद किए जा रहे हैं, गांव से पलायन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की है.