हाथरस में हुई हैवानियत की शिकार लड़की के पिता से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फोन पर वीडियो कॉल के ज़रिए बात की है. लड़की के पिता ने मुख्यमंत्री से दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि ना सिर्फ अभी तो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी बल्कि सरकार पीड़ित परिवार की हर संभव मदद भी करेगी. वहीं सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मृतका के परिवार के एक सदस्य को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी दी जाएगी. 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद भी दी जा रही है. साथ ही सूडा योजना के तहत हाथरस शहर में एक घर भी दिया जाएगा.
14 सितंबर को हुई थी घटना
गौरतलब है कि दरिंदगी का शिकार हुई हाथरस की पीड़िता ने मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया. 14 सितंबर को चार दरिंदों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और उसे मौत के मुंह में धकेल दिया.उसके शरीर में कई चोटें आईं और वह 15 दिनों तक अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में दर्द से तड़पती रही और मौत से लड़ती रही. शरीर की कई हड्डियां टूटने और कई हिस्सों में लकवा मारने के कारण उसे गंभीर हालत में सोमवार को दिल्ली रेफर किया गया, लेकिन यहां रात काटना भी मुश्किल हुआ और 16वें दिन मंगलवार को सुबह 6:15 बजे हाथरस की बिटिया ने अंतिम सांस ली.
नहीं थम रही पुलिस की मनमानी
इस बीच खबर है कि, इस घटना को लेकर पुलिस की भूमिका पूरी तरह से संदेहास्पद रही है. हालांकि घटना के बाद दुष्कर्म करनेवाले चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. इसी बीच खबर है कि पुलिस ने मंगलवार की रात परिजनों की मर्जी के खिलाफ बिना किसी रीतिरिवाज के पीड़िता का स्वयं ही अंतिम संस्कार कर दिया. गांववालों ने पुलिसवालों को रोकने की काफी कोशिश की. लेकिन पुलिस ने अमानवीयता दिखाते हुए लाश का अंतिम संस्कार कर दिया. पीड़ित के भाई का आरोप है कि उन्हें तो यह भी नहीं पता कि जिसका अंतिम संस्कार किया गया है, वह उनकी बहन थी या कोई और. अंतिम संस्कार के साथ ही पीड़ित के पुन: पोस्टमार्टम की संभावना पूरी तरह से खत्म हो गई है.