राजेश सोनी | Navpravah.com
विश्वबैंक ने मोदी सरकार को राहत देते हुए साल 2018 में विकास दर 7.3 का अनुमान जताया है। मोदी सरकार द्वारा पिछले 2 वर्ष में अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए गए फैसलों के बाद से ही सरकार विरोधियों के निशाने पर है।
केंद्र की मोदी सरकार पर विरोधी दल के नेता आरोप लगाते रहे हैं कि सरकार द्वारा जीएसटी और नोटबन्दी जैसे फैसलों से देश में बेरोजगारी का माहौल और अर्थव्यवस्था अपने सबसे निचले स्तर पर है। विश्वबैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर साल 2018 में 7.3 का अनुमान लगाया है और अगले दो साल में भारत की विकास दर का 7.5 रहने का भी अनुमान लगाया है।
विश्वबैंक प्रोस्पेक्टस ग्रुप के निदेशक आइहन कोसे ने कहा कि अगले दशक में भारत की अर्थव्यवस्था दूसरे किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की तुलना में सबसे ज्यादा उच्च विकास की तरफ अग्रसर है। आगे उन्होंने कहा कि उनका फोकस शार्ट टर्म आंकड़ों पर नहीं है। मैं भारत की बड़ी तस्वीर की ओर देखूंगा और भारत की बड़ी तस्वीर देखने के बाद मैं यही कहूंगा कि भारत में विकास की अपार क्षमता है।
उन्होंने चीन की अर्थव्यवस्था को धीमी अर्थव्यवस्था बताया है और कहा कि वर्ल्ड बैंक देख रहा है कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था की धीरे-धीरे गति दे रहा है। कोसे ने कहा कि पिछले तीन सालों के विकास का आंकड़ा संतुलित है।