पटना. RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद को चारा घोटाले के देवघर कोषागार से 90 लाख की अवैध निकासी के मामले में शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने उन्हें 50 -50 हजार के दो निजी मुचलके और जुर्माने के पांच लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा के साथ दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हाईकोर्ट ने जुर्माने की आधी राशि जमा करने को कहा। उन्हें अपना पासपोर्ट भी जमा करना होगा।
इस मामले में जमानत मिलने के बाद भी लालू प्रसाद जेल में ही रहेंगे। दुमका और चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में भी निचली अदालत ने उन्हें सजा सुनायी है। दोनों मामलों में Supreme Court ने लालू प्रसाद की जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी है।
लालू प्रसाद ने Supreme Court के एक आदेश का हवाला देते हुए जमानत प्रदान करने का आग्रह किया था। Supreme Court ने आधी सजा काटने पर जमानत देने का निर्देश दिया है। सीबीआई ने इसका विरोध किया। सीबीआई का कहना था कि लालू प्रसाद इसके पहले भी चारा घोटाले के दूसरे मामले में Supreme Court जा चुके हैं। Supreme Court ने केस की मेरिट पर सुनवाई करते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी है। इस कारण इस मामले की सुनवाई भी Supreme Court में होनी चाहिए।
23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं लालू
लालू प्रसाद 23 दिसंबर 2017 से जेल में हैं। उन्हें 42 माह की सजा सुनायी गई है। इनमें से वह 26 माह जेल में बिता चुके हैं।