नई दिल्ली ।। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष एवं कोलकाता की सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को ट्वीट करके अपने जीतने वाले उम्मीदवारों को बधाई दी और कहा कि हारने वाले भी हारे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस पर मंथन होगा।
साढ़े 3 दशकों तक वाममोर्चा के प्रति वफादार रहने वाली बंगाल की आवाम ने 2011 में जब तृणमूल कांग्रेस पर विश्वास जताया तो सबको यही लगा था कि वाममोर्चा की तरह ये सिलसिला भी लंबा चलेगा। बीते आठ साल ऐसा चला भी। 2011 के विधानसभा इलेक्शन के बाद किसी भी चुनाव में तृणमूल की हार नहीं हुई।
नगर निकाय से लेकर लोकसभा तक प्रत्येक इलेक्शन में तृणमूल की सीटें और वोट फीसद बढ़ता चला गया। 2014 के लोकसभा इलेक्शन में जबरदस्त ‘मोदी लहर’ में भी तृणमूल ने बंगाल की 34 सीटों पर कब्जा जमाया, लेकिन पिछले 5 वर्ष में राज्य के मतदाताओं का मूड काफी बदल चुका है। 2019 के लोकसभा इलेक्शन के ‘एक्जिट पोल’ के बाद अब वास्तविक नतीजों में भी यह झलक रहा है।
रुझानों के अनुसार, BJP 19 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि तृणमूल 22 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी। उस समय तक BJP का वोट फीसद 38.92 फीसद दर्ज हुआ, वही तृणमूल का 44.76 फीसद देखा गया। ये रुझान अगर नतीजों में बदल गए तो BJP के लिए बंगाल में बहुत बड़ी सफलता होगी।