सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
मध्य प्रदेश की राजनीति में राष्ट्र गीत वंदे मातरम गायन का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है, १ जनवरी से मध्य प्रदेश के सचिवालय में वंदे मातरम गाने की 13 साल पुरानी परंपरा टूट गई है।
सचिवालय में वंदे मातरम नहीं गाने पर शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर हमला बोला था, अब उसके जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि, हर माह की 1 तारीख को मंत्रालय में वंदेमातरम गायन की अनिवार्यता को फ़िलहाल अभी रोक कर नये रूप में लागू करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि, यह निर्णय ना किसी एजेंडे के तहत लिया गया है और ना ही हमारा वंदेमातरम गायन को लेकर कोई विरोध है, वंदेमातरम हमारे दिल की गहराइयों में बसा है, लेकिन हमारा यह भी मानना है कि सिर्फ़ एक दिन वंदेमातरम गायन करने से किसी की देशभक्ति या राष्ट्रीयता परिलिक्षित नहीं होती है।
उन्होंने कहा, हमारा यह भी मानना है कि राष्ट्रीयता या देशभक्ति का जुड़ाव दिल से होता है, इसे प्रदर्शित करने की आवश्यकता नहीं है, हमारी भी धर्म, राष्ट्रीयता, देशभक्ति में आस्था है, राष्ट्रीयता के लिये किसी से भी प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता नहीं है।
इधर, वंदे मातरम को लेकर छिड़े विवाद के बीच प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि, बीजेपी के 109 विधायक आगामी 7 जनवरी को मध्यप्रदेश के सचिवालय में वंदे मातरम गाएंगे।
उन्होंने कहा कि, इससे पहले बीजेपी की सरकार में महीने के पहले कामकाजी दिन सचिवालय में राष्ट्र गीत गाया जाता था, मगर इस बार कमलनाथ सरकार में साल के पहले दिन ही इसका पालन नहीं हो सका और इस तरह से 13 साल पुरानी परंपरा टूट गई।