स्पोर्ट्स डेस्क. विश्व कप के सेमीफाइनल में हार के बाद भारतीय टीम के कमजोर मध्यक्रम में भारी बदलाव की संभावना है। अगले साल होने वाले टी-20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए केदार जाधव और दिनेश कार्तिक को बाहर किया जा सकता है। अब सारा ध्यान नई टीम को तैयार करने पर होगा।
टी-20 विश्व कप की तैयारी पर ध्यान हो
महेंद्र सिंह धौनी ने जब से कप्तानी संभाली थी तब से वनडे विश्व कप के लिए कम से कम दो साल और टी-20 के लिए करीब 18 महीने पहले टीम तैयार करने की नीति चल रही है। सीमित ओवरों का भारत का अगला बड़ा टूर्नामेंट ऑस्ट्रेलिया में अगले साल टी-20 विश्व कप होगा। एमएसके प्रसाद की अगुआई वाली चयन समिति बीसीसीआई के चुनाव होने तक प्रभारी रहेगी। उम्मीद है कि बदलाव के दौर में भी यही समिति जिम्मेदारी संभालेगी। इसमें अगले 14 महीने में ध्यान सबसे छोटे प्रारूप पर अधिक होगा।
कुलदीप और चहल पर कितना भरोसा
रोहित, विराट और लोकेश का एक साथ बुरा दिन होने का खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में हार के बाद भारत की वनडे टीम के कोर खिलाड़ी चुन लिए गए थे। कोच रवि शास्त्री और कप्तान कोहली ने दो कलाई के स्पिनरों पर पूरा भरोसा किया था। कुलदीप और चहल ने विश्व कप में काफी अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन द्विपक्षीय सीरीज में इनका प्रदर्शन शानदार रहा।
टीम को वैकल्पिक योजना रखनी होगी
विश्व कप ही नहीं बल्कि इससे दो साल पहले से ही भारत के पास कोई ‘प्लान बी’ नहीं था। लेकिन कोहली और रोहित के प्रदर्शन ने बल्लेबाजी की कमजोरियों को उजागर नहीं होने दिया। महेंद्र सिंह धौनी की डेथ ओवरों में आक्रामक बल्लेबाजी की क्षमता में कमी आई है, जबकि हार्दिक पांड्या बल्लेबाजी को अधिक प्रभावित नहीं कर पाए। मनीष पांडे और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों को मौके दिए बिना विश्व कप की योजनाओं से बाहर कर दिया गया। इसलिए टी-20 विश्व कप के लिए प्लान बी तैयार करना बेहद जरूरी है।
कार्तिक और जाधव का बाहर होना तय
शुभमन गिल को न्यूजीलैंड में दो मैचों में मौका दिया गया, लेकिन फिर बाहर कर दिया गया। विश्व कप ने सबक दिया कि दिनेश कार्तिक और केदार जाधव जैसे खिलाड़ी कभीकभार निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन इन पर अधिक भरोसा नहीं किया जा सकता। कार्तिक के पास इंग्लैंड के हालात में खेलने वाली कुशलता नहीं थी।