लाइफस्टाइल डेस्क। हर मौसम की अपनी कुछ जरूरतें और फायदे होते हैं। इन्हीं के मद्देनजर इस मौसम के नियम तय होते हैं। आयुर्वेद में अभ्यांगम यानी मसाज को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है।
आयुर्वेद में हर रोज शरीर की मालिश करने की सलाह दी गई है। पर ज्यादातर लोगों को लगता है कि मालिश सिर्फ सर्दियों में ही करवानी चाहिए। लेकिन गर्मी के मौसम में इसका क्या लाभ होता है आइये जानते हैं।
क्यों जरूरी है मालिश
आयुर्वेद में दैनिक नियमों में मालिश को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। वहां हर रोज मालिश यानी मसाज करने की सलाह दी गई है। जब आप बहुत थक जाते हैं तब मालिश आपको फिर से तरोताजा करने में मदद करती है। इससे मालिश मांसपेशियो की सिकुड़ने और फैलने की क्षमता में बढोत्तरी करती है। वहीं मेटाबॉलिजम को सही रखने में भी मालिश का बहुत अहम योगदान है।
जानें इसके फायदे
इससे ब्लड सर्कुलेशन सुचारु रूप से काम करता है।
मसाज करने से दिन भर की थकान उतर जाती है जिससे नींद अच्छी आती है।
जिसके चलते आंखों की रोशनी बढ़ती है और स्किन चमकदार बन जाती है।
मसाज करने के दौरान लंबी-लंबी सांसें लेने से शरीर के अंदर मौजूद कई विकार बाहर निकल जाते हैं। इसके बाद शरीर में स्फूर्ति आ जाती है।
मसाज रोज करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
मसाज से मस्तिष्क में तरावट एवं मानसिक शक्ति का अनुभव होता है।
मसाज के बाद स्किन के छिद्रों में तेल भरे रहने से जीवाणुओं शरीर के अंदर जाने का खतरा नहीं रहता है।