मोहन भागवत द्वारा कल सेना पर दिए गए बयान से भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पल्ला झाड़ते हुए किनारा कर लिया है। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष से जब सवाल किया गया कि उनका भागवत के बयान को लेकर क्या सोचना है, तब उन्होंने कहा कि मैंने इसको सिर्फ एसएमएस और सोशल मीडिया में ही देखा है। मुझे पूरी तरह से इस बात की जानकारी नहीं है कि भागवत जी ने क्या बोला। जब मुझे पूरी जानकारी मिलेगी, तभी मैं इस पर टिप्पणी करूंगा।
कल छह दिवसीय मुजफ्फरपुर यात्रा के दौरान आरएसएस के स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे। लेकिन संघ के स्वयं सेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी। यह हमारी क्षमता है, पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं, लेकिन संघ में मिलिट्री जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे, तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे।
उन्होंने कहा कि आरएसएस के स्वयं सेवक मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते बलिदान देने को तैयार रहते हैं। भागवत ने कहा कि देश की विपदा में स्वयंसेवक हर वक्त मौजूद रहते हैं। उन्होंने भारत-चीन के युद्ध की चर्चा करते हुए कहा कि जब चीन ने हमला किया था, तो उस समय संघ के स्वयंसेवक सीमा पर मिलिट्री फोर्स के आने तक डटे रहे। भागवत ने कहा कि स्वयं सेवकों ने तय किया कि अगर चीनी सेना आई, तो बिना प्रतिकार के उन्हें अंदर प्रवेश करने नहीं देंगे। स्वयंसेवकों को जब जो जिम्मेदारी मिलती है, उसे बखूबी निभाते हैं।