इशिका गुप्ता| navpravah.com
नई दिल्ली| प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ एक महत्वपूर्ण मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया। यह कार्रवाई मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़ी एक एफआईआर के जवाब में की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सीएम और उनके करीबी रिश्तेदारों ने भूमि आवंटन में अनियमितताएं की हैं।
इस मामले में सिद्धारमैया की पत्नी बीएम पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और अन्य का भी नाम शामिल है। लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई एफआईआर के बाद, एक विशेष अदालत ने इस पर कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया।
सिद्धारमैया, जो 76 वर्ष के हैं, ने सभी आरोपों से इनकार किया है और इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष उनसे डरता है और यह मामला उनके खिलाफ पहला राजनीतिक आरोप है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं है और वे कानूनी लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं।
यह विवाद मुख्य रूप से इस बात पर केंद्रित है कि उनकी पत्नी को किस प्रकार एक मुआवज़े के रूप में कीमती प्लॉट आवंटित किया गया, जो पहले दी गई जमीन से अधिक मूल्यवान है।