राजेश सोनी | Navpravah.com
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने दवा किया है कि आजादी के बाद पाकिस्तान ने जब जम्मू-कश्मीर पर हमला बोला था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने आरएसएस से मदद मांगी थी।
उमा भारती ने आगे कहा कि आजादी के बाद कश्मीर के राजा महाराजा हरि सिंह संधि पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे थे और शेख अब्दुल्ला ने हस्ताक्षर करने के लिए उनपर दबाव डाला था। उन्होंने कहा कि नेहरू दुविधा में थे और फिर पाकिस्तान ने एकाएक हमला कर दिया और उसके सैनिक उधमपुर की तरफ बढ़ने लगे।
उमा भारती के अनुसार तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरूजी ने आरएसएस प्रमुख गुरू गोवलकरजी से आरएसएस स्वयंसेवकों की मदद मांगी थी और उनके आरएसएस के स्वयंसेवक जम्मू-कश्मीर गए थे।
गौरतलब है कि रविवार को आरएसएस प्रमुख भागवत ने छह दिवसीय मुजफ्फरपुर यात्रा के दौरान आरएसएस के स्वयं सेवकों को संबोधित करते हुए कहा था कि सेना को सैन्यकर्मियों को तैयार करने में छह-सात महीने लग जाएंगे। लेकिन संघ के स्वयं सेवकों को लेकर यह तीन दिन में तैयार हो जाएगी। यह हमारी क्षमता है, पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं, लेकिन संघ में मिलिट्री जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे, तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे।