नवप्रवाह न्यूज नेटवर्क
हमारे देश में आज भी लोग पैसे बचाने के लिए जुगाड़ की तकनीक पर ज्यादा भरोसा करते हैं. लेकिन हर बार जुगाड़ काम नहीं आता. कभी कभी इस जुगाड़ के फेल हो जाने से जान पर भी बन आती है. मध्यप्रदेश में कई जगहों पर नदी पार करने के लिए जुगाड़ की बनी नाव का ही इस्तेमाल किया जाता है. ये नाव कई बार बड़े हादसे का कारण भी बन जाती है. उज्जैन के बड़नगर की चामला नदी में शनिवार को ऐसी ही एक जुगाड़ की नाव पलट गई. नदी के उस पार शादी में शामिल होने जा रहे नाव पर सवार 10 लोग डूब गए. आनन फानन में नदी किनारे खेतों में काम कर रहे लोगों ने नदी में छलांग लगाकर सभी को बचा लिया. इस तरह एक बड़ा हादसा होते होते बच गया. घटना के बाद गांव वालों ने आंदोलन की चेतावनी दी है, क्योंकि इस तरह के हादसे पहले भी यहां होते रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, बड़नगर तहसील के ग्राम सारोला में चामला नदी पार करने के लिए लोगों द्वारा जुगाड़ नाव बनाई थी. इसी नाव पर सवार होकर कुछ लोग दूसरे किनारे पर बसे शंभूसिंह के घर शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे. जुगाड़ की नाव कुछ ही दूर पहुंची और भार अधिक होने के चलते पलट गई. नाव पलटते ही चीख पुकार मच गई.
नाव पलटने से इसमें सवार मोहन बाई पत्नी हेमसिंह उम्र 55 वर्ष, बालक हर्ष पुत्र प्रकाश छह वर्ष, भानुप्रताप पुत्र नरेंद्र सिंह, शंकरलाल, गिरधारीलाल, राजेंद्र सिंह, लाल सिंह, सजन सिंह, टीकम सिंह व मोहित डूबने लगे. इन्हें डूबते देख आसपास खेतों में काम कर रहे लोग नदी में कूद गए और सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. हालाँकि एक महिला और एक बच्चे के मुंह में पानी भर गया. दोनों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.
घटना के बाद नदी पर पुलिया बनाने की मांग एक बार फिर उठने लगी है. ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. बताया जाता है कि अधिकतर ग्रामवासियों के खेत नदी के दूसरे किनारे पर हैं. नदी के दूसरी ओर जाने के लिए लंबा चक्कर लगाना पड़ता है, इसलिए ग्रामीण प्रतिदिन इस जुगाड़ की नाव से जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. लोग यहां पुलिया बनाने की मांग कई बार कर चुके हैं, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई. सवाल उठता है क्या प्रशासन यहां बड़े हादसे के इन्तजार में है?