बलात्कार के आरोप में जेल में सजा काट रहें आसाराम को अभी जमानत के लिए थोड़ा इन्तेज़ार और करना पड़ेगा। बता दें कि कोर्ट ने सुनवाई को नौ सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत में पीड़ितों के साथ जिरह पूरी होने के बाद इसपर विचार किया जाएगा।
गुजरात सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि स्वयंभू उपदेशक आसाराम से जुड़े बलात्कार मामले में पीड़ितों के साथ 29 जनवरी से जिरह की जाएगी। शुरुआत में जमानत याचिका खारिज करने के इच्छुक न्यायमूर्ति एन. वी. रमना और न्यायमूर्ति ए. एम. सप्रे ने कहा कि पीड़ितों के साथ जिरह पूरी होने के बाद याचिका दायर करने वाला फिर से संपर्क कर सकता है। कोर्ट ने 15 जनवरी को आसाराम से जुड़े बलात्कार के मामले में सुनवाई की स्थिति पूछते हुए गुजरात सरकार से इस संबंध में प्रगति रिपोर्ट देने को कहा था। आसाराम के वकील ने न्यायालय को बताया था कि गुजरात में चल रहे मुकदमे के 92 गवाहों में से 22 के साथ जिरह पूरी हो गयी है। 14 ने स्वयं को इससे बाहर कर लिया है, जबकि अन्य के साथ अभी बहस होनी है। गौरतलब है कि आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त, 2013 को गिरफ्तार किया था। वह तभी से जेल में बंद हैं। वह इससे पहले भी कई बार जमानत के लिए कोशिश कर चुके हैं, लेकिन हमेशा उन्हें निराशा ही मिली है।