प्रतापगढ़ में फिर गरमाया हनुमान मंदिर में भंडारे का मामला : राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह सहित 11 लोगों को किया नजरबंद

न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में स्थित एक श्री हनुमान मंदिर में भंडारे को लेकर प्रति वर्ष माहौल गरमाता है, क्योंकि इस हनुमान मंदिर में ठीक मोहर्रम के जुलूस के दिन ही एक बंदर की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इसी बंदर की पुण्यतिथि पर प्रतिवर्ष यहां भंडारा होता है. इस वर्ष भी प्रशासन ने भंडारे की अनुमति न देते हुए कुंडा से बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता और भदरी रियासत के राजा उदय प्रताप सिंह को नजरबंद कर दिया गया है। डीएम के आदेश पर उदय प्रताप सिंह समेत 11 पर हाउस अरेस्ट की कार्रवाई की गई है। राजा भैया के पिता आज शाम 5 बजे से कल रात 9 बजे तक अपने भदरी महल में नजरबंद रहेंगे। वहीं हनुमान मंदिर पर भंडारे के कार्यक्रम को भी जिलाधिकारी ने निरस्त कर दिया है, जिसकी नोटिस भी पुलिस ने भदरी राजमहल में चस्पा कर दिया है।

– पिछले तीन सालों से नहीं दी गई अनुमति
बता दें राजा उदय प्रताप सिंह ने हनुमान मंदिर पर भंडारा करने की परमिशन देने की गुहार लगाई थी। दरअसल जिस हनुमान मंदिर पर भंडारे की बात है, वहां पास से ही मोहर्रम का जुलूस भी निकलता है, जिसके चलते इलाके का सौहार्द बिगड़ने के खतरा रहता है। पिछले 3 सालों से जिला प्रशासन इसी के चलते हनुमान मंदिर पर पूजा-पाठ और भंडारे की अनुमति नहीं देता है।

– मोहर्रम के दिन ही होता है हनुमान पाठ और भंडारा
दरअसल हनुमान मंदिर पर एक बंदर के मौत के बाद राजा उदय प्रताप सिंह बंदर की पुण्यतिथि पर भंडारे का आयोजन करते हैं। इस हनुमान मंदिर पर मोहर्रम के दिन हनुमान पाठ और भंडारे का आयोजन होता है। पिछले 3 सालों से जिला प्रशासन इस कार्यक्रम पर रोक लगाते हुए राजा भैया के पिता और उनके समर्थकों को नजरबंद करते हुए भंडारा का आयोजन नही करने देता है।

– मोहर्रम के दिन ही की गई थी एक बंदर की गोली मार कर हत्या
दरअसल मोहर्रम के दिन ही 2005 में बंदर को गोली मार दी गई थी। जिसके बाद से इलाके के लोग बंदर की पुण्यतिथि पर भंडारे का आयोजन करते हैं। 2015 से राजा भैया के पिता ने मंदिर पर पूजा-पाठ को भव्य रूप दे दिया। इसके बाद दो समुदाय में टकराव देखते हुए जिला प्रशासन ने 2016 में इस आयोजन पर रोक लगा दी थी।

– सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन पर सौंपा निर्णय का अधिकार
भंडारे की अनुमति न मिलने पर राजा उदय प्रताप ने 17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यावेदन किया था। 27 जनवरी 2020 को कोर्ट ने मामले को निस्तारित करते हुए जिला प्रशासन को निर्णय लेने का निर्देश दिया। 24 अगस्त 2020 को कोविड का हवाला देते हुए फिर जिलाधिकारी ने भंडारे पर रोक लगा दी। इसके बाद उदय प्रताप सिंह समेत 11 लोगों को नजरबंद कर दिया गया है। वहीं भदरी महल के पास भारी संख्या में फ़ोर्स तैनात लगा दी गई है।

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