एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
उन्नाव सामूहिक बलात्कार के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब सीबीआई के निशाने पर उन्नाव जिला के जेल के अधिकारी आ गये हैं।
सीबीआई को जानकारी मिली है कि पीड़ित किशोरी के पिता की नौ अप्रैल को उन्नाव जिला अस्पताल में मौत से पहले जेल में विधायक के गुर्गों ने बुरी तरह पिटाई की थी।
इस कार्रवाई में सिपाही से लेकर पुलिस अधीक्षक तक ने विधायक के गुर्गों की मदद की थी। पूछताछ के दौरान सीबीआई ने विधायक के दोनों मोबाइल फोन की कॉल डिटेल चेक की, डिटेल के अनुसार, 3 अप्रैल से लेकर उन्हें हिरासत में लिए जाने तक उन्नाव के एसपी से लेकर माखी थाने के सिपाही तक कई बार विधायक ने बात की गयी थी।
हालांकि सीबीआई टीम को विधायक यही तर्क देते रहे कि वह जनप्रतिनिधि हैं। इसलिए थाने से लेकर एसपी तक को उन्हें फोन करने पड़ते हैं। 3 अप्रैल से ऐसी कॉल की संख्या बढ़ने के सवाल पर विधायक ने कहा कि जब वह दूसरे के मामले में पैरवी करते हैं तो अपने मामले भी कर सकते हैं।
माखी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 18 वर्षीय एक युवती ने उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर और उनके भाइयों पर पिछले साल सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था। अदालत के आदेश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
आरोप है कि मुकदमा वापस नहीं लेने पर 3 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता को मारापीटा था। गम्भीर रूप से घायल होने के बाद पीड़ित माखी थाने में तहरीर देने गया तो पुलिस ने 5 अप्रैल को उसी के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेज दिया, और फिर पुलिस हिरासत में ही पीड़िता की मौत हो गयी थी।