राजेश सोनी | Navpravah.com
जीएसटी काउंसिल जल्द ही अपने अगले कैबिनेट में बड़ा फैसला ले सकती है। इस फैसले में जीएसटी काउंसिल पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में ला सकती है। जीएसटी काउंसिल के सदस्य और बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस बड़े फैसले के तरफ संकेत दिए हैं।
बता दें कि मोदी ने कहा कि अगले महीने होनेवाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में जो वस्तुएं फिलहाल जीएसटी के दायरे से बाहर हैं, ऐसी चीजों को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए सहमति बन सकती है। फिलहाल पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं। पेट्रोल-डीजल से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को राजस्व की कुल 40 फीसदी कमाई होती है।
अगर जीएसटी काउंसिल पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में ले आती है, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें आधी हो जाएंगी। 80 रुपए में बिकने वाला पेट्रोल ग्राहकों को 40 रुपए में मिलने लगेगा। वहीं डीजल के भी भाव आधे हो जाएंगे, जिसके कारण महंगाई भी कम हो सकती है, क्योंकि फल और सब्जियों को बाजार में लाने के समय इनपर लगने वाले परिवाहन शुल्क इन चीजों को महंगा कर देते हैं। अगर पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आ जाते हैं तो सिर्फ यह सस्ते ही नहीं होंगे, बल्कि पूरे देश में इनका भाव एक समान होगा।