शिखा पाण्डेय,
आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने आज लगभग यह साफ कर दिया है कि सितंबर में अपना मौजूदा कार्यकाल पूरा करने पर वे अपने अकेडमिक कैरियर में वापसी करेंगे। आरबीआई स्टाफ को लिखे एक पत्र में राजन ने अपनी दूसरी पारी, अपने कार्यकाल व आरबीआई की उपलब्धियों के विषय में चर्चा की है। राजन ने इस बात को लेकर आश्वस्ति जताई है कि उनके उत्तराधिकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि राजन पर पिछले कुछ दिनों से राज्यसभा सदस्य व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यन स्वामी लगातार गंभीर आरोप लगा रहे थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें बरखास्त करने की मांग कर रहे थे। स्वामी ने आरोप लगाया था कि राजन ने जानबूझ कर देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है क्योंकि वे दिल से पूरे हिंदुस्तानी नहीं हैं। स्वामी ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर राजन को बर्खास्त करने की मांग की है। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी उनके खिलाफ बयान दे चुकी हैं। हालांकि आर्थिक जगत की ज्यादातर बड़ी हस्तियां चाहतीं हैं कि राजन को दूसरी पारी मिले।
दुविधा की बात यह रही कि सत्ताधारी भाजपा के अंदर एक वर्ग राजन की दूसरी पारी का पक्षधर रहा है, जबकि एक वर्ग उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने का इक्षुक है।
आपको बता दें कि रघुराम राजन की नियुक्ति सितंबर 2013 में यूपीए सरकार द्वारा तत्कालीन गवर्नर डी. सुब्बाराव की जगह की गई थी। स्वामी द्वारा उन पर लगाए जा रहे आरोपों के बाद पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने उनका बचाव करते हुए कहा था कि यूपीए सरकार ने उस समय सबसे प्रतिभाशाली अर्थशास्त्रियों में एक को आरबीआइ का गवर्नर नियुक्त किया था। दो दिन पूर्व भाजपा नेता व वाजपेयी सरकार के अहम सदस्य रहे अरुण शौरी ने भी राजन का बचाव किया था और कहा था कि गड़बड़ियों के लिए वे अकेले दोषी नहीं हैं और उनकी क्षमता पर संदेह नहीं किया जा सकता है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में राजन का मौजूदा कार्यकाल इस साल चार सितंबर को पूरा होगा, हालांकि राजन ने कहा है कि वे हमेशा अपने देश की सेवा के लिए उपलब्ध रहेंगे। रघुराम राजन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आइएमएफ के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री हैं। साथ ही शिकागो बूथ स्कूल में वित्त मामले के प्रोफेसर रहे हैं।