एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए बैंकों के बकायेदार व्यापारियों को चेतावनी दी है. वित्त मंत्री ने कहा है कि या अतो समय से बैक से लये गये लोन को व्यापारी अदा करें या फिर उनका व्यापार किसी और के हवाले किया जाये ताकि बैंक का लोन अदा हो सके. व्यापारियों द्वारा बैंक्स से लिया गया लों न चुकाने के कारण बैंकों को काफी घाटा सहन करना पड़ रहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने दिवाला एवं रिण शोधन अक्षमता कानून के तहत तो ऐसी बड़ी कर्जदार कम्पनियों के खिलाफ दिवाला निकालने की कारवाई शुरू करने का निर्देश जारी किया है. इन कम्पनियों पर तकरीबन दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज है जोकि कुल बैंक कर्ज का एक चौथाई भाग है.
कर्जदारों के खिलाफ सरकार सख्त रुख अपनाने का मन बना चुकी है. वित्त मंत्री ने कहा है कि सर्कार बैंकों को और अधिक पूँजी मुहैया कराने के लिए तैयार है लेकिन सरकार कि सबसे बड़ी प्राथमिकता बैंकों का फंसा हुआ कर्ज निकालना है.
वित्त मंत्री ने ये स्पष्ट किया है कि हमें ज्यादा बैंक नहीं चाहिए, बल्कि हमें मजबूत बैंक चाहिए. बैंकों के लिए पूँजी का इंतजाम किया जा रहा है लेकिन बैंकों को बाजार से भी पूँजी जुटानी चाहिए. साथ ही उन्होंने बताया कि बैंकों को पहले ही सरकार ने सत्तर हजार करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिए हैं. केंद्र सरकार बैंकों के विलयकरण के बारे में भी सक्रिय कदम उठाने के संकेत दे चुकी है.