एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी के लिए यह बुरी खबर है। सरकार की ओर से जारी थोक महंगाई दर के आंकड़ों के अनुसार, महंगाई 4 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। जून में थोक महंगाई दर 5.77 फीसदी रही, जो मई में 4.43 फीसदी थी।
महंगाई का यह हाल पिछले चार में सबसे बुरा है, पिछले साल जून महीने में महंगाई दर महज 0.90% थी। ईंधन, खाद्य पदार्थ, मैन्युफैक्चरिंग प्रॉडक्ट्स की कीमतों में वृद्धि की वजह से मुद्रास्फीति में तेज उछाल दर्ज किया गया है।
जून में थोक महंगाई दर 4.93 फीसदी रहने के अनुमान था, लेकिन यह इससे कहीं अधिक है, मई में महंगाई 15 महीने के उच्चतम स्तर (4.43%) रही थी। प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में 2.0 फीसदी, ईंधन और पावर बास्केट के मूल्यों में 3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है।
महीने दर महीने आधार पर जून में खाद्य थोक महंगाई दर 1.12 फीसदी से बढ़कर 1.56 फीसदी रही है। वहीं, मैन्युफैक्चरिंग थोक महंगाई दर 3.73 फीसदी से बढ़कर 4.17 फीसदी रही, इसके अलावा जून में फ्यूल और पावर की थोक महंगाई दर 11.22 फीसदी से बढ़कर 16.18 फीसदी रही है।
महीने दर महीने आधार पर जून में सब्जियों की थोक महंगाई दर 2.51 फीसदी से बढ़कर 8.12 फीसदी रही है।हालांकि, जून में अंडे, मांस की थोक महंगाई दर 0.15 फीसदी से घटकर -0.27 फीसदी रही है, दालों की थोक महंगाई दर -21.13 फीसदी से बढ़कर -20.23 फीसदी रही है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे अधिक चिंता की बात औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आना है, मई के आंकड़ों के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन 3.2 फीसदी रहा है, जबकि अप्रैल महीने में यह आंकड़ा 4.9 पर्सेंट रहा था, इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन में यह स्लोडाउन कोर सेक्टर इंडस्ट्रीज की ग्रोथ में कमजोरी के बाद दिखा है।