अमित द्विवेदी,
मुस्लिम विचारक और प्रचारक ज़ाकिर नाईक पर चौतरफा दबाव बनाता नज़र आ रहा है। ज़ाकिर की आलोचना करते हुए शिवसेना सांसद अरविन्द सावंत ने इस सम्बन्ध में गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर नाईक पर बैन लगाने की सिफारिश की। इसके अलावा आरएसएस के विचारक राकेश सिन्हा ने भी कहा कि सरकार को नाईक पर नियंत्रण लगाने के बारे में सोचना चाहिए।
ढाका में हुए आतंकी हमले में 2 आतंकी ज़ाकिर नाईक के भाषण से प्रभावित थे। जिसका पता चलते ही नाईक पर तलवार लटकने लगी। अब जब जांच अभियान ने तेज़ी पकड़ ली है, तब ज़ाकिर ने कहना शुरू किया कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। यह पहली बार नहीं है जब कोई आतंकी ज़ाकिर नाईक के भाषणों से प्रभावित होकर आतंकी संगठन से जुड़ा हो। इसके पहले भी भारत से भागकर जो लड़के isis में शामिल हुए थे, वे भी ज़ाकिर से प्रभावित थे।
शिवसेना नेता अरविन्द सावंत ने गृहमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन और उसके अन्य मान्यता प्राप्त संगठनों की सभी गतिविधियों की जांच होनी चाहिए, जिससे इन सबकी असलियत सामने आ सके। गौरतलब है कि जिस इलाके में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन का मुख्य कार्यालय है, अरविन्द सावंत उसी इलाके के सांसद हैं।
इसी मामले पर आरएसएस के राकेश सिन्हा ने स्पष्ट किया कि दो इस्लामिक देश भी ज़ाकिर नाईक पर प्रतिबन्ध लगा चुके हैं। इसी से स्पष्ट है कि ज़ाकिर मानवता के लिए कितना बड़ा ख़तरा है। यदि जल्द इनपर लगाम न लगाई गई तो पूरा विश्व ऐसे लोगों की वजह से आतंकी घटनाएं झेलेगा।