आठ उपग्रहों के साथ PSLV C35 ने भरी उड़ान, उड़ान के 17 मिनट बाद स्कैटसैट कक्षा में प्रविष्ट

अनुज हनुमत,

अंतरिक्ष में भारत ने एक और बड़ी छलांग लगाते हुए श्रीहरिकोटा से PSLV-C35 की लॉन्चिंग कर दी। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने अब तक के अपने सबसे मुश्किल और लंबे मिशन PSLV-C35 को आज लॉन्च किया है। ये रॉकेट 8 सैटेलाइट्स को दो अलग-अलग कक्षाओं में लेकर गया है। सबसे ख़ास बात यह रही कि इनमें भारत के तीन और अमेरिका-कनाडा और अल्जीरिया के 5 सैटेलाइट्स शामिल हैं।

सैटेलाइट्स को कक्षाओं तक पहुंचाने में 2.15 घंटे से ज्यादा वक्त लगेगा। गौरतलब हो कि इस मिशन की उल्टी गिनती शनिवार को शुरू हो गई थी।

बता दें कि आज सुबह 9 बजकर 12 मिनट पर उड़ान भरने वाले 44.4 मीटर लंबे पीएसएलवी ने उड़ान के 17 मिनट बाद स्कैटसैट-1 को कक्षा में प्रवेश करा दिया। इसकी पूरी जानकारी देते हुए इसरो ने बताया कि स्कैटसैट-1 को सफलतापूर्वक कक्षा में प्रवेश कराया गया। ये स्कैटसैट नामक प्राथमिक उपग्रह मौसम की भविष्यवाणी और चक्रवातों का पता लगाने के लिए है।

सबसे ख़ास बात यह है कि 371 किलोग्राम वजन के इस उपग्रह को पोलर सन सिन्क्रोनस ऑर्बिट में प्रवेश कराया गया जबकि अन्य सात उपग्रहों को लगभग दो घंटे बाद एक निचली कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा। पोलर सन सिन्क्रोनस ऑर्बिट में उपग्रह हमेशा सूर्य की ओर उन्मुख रहता है। इस पीएसएलवी के साथ गए सभी आठ उपग्रहों का कुल वजन 675 किलोग्राम है।

यह अपने साथ स्कैटसैट-1 के अलावा भारतीय विश्वविद्यालयों के दो उपग्रह, अल्जीरिया के तीन उपग्रह, अमेरिका और कनाडा के एक-एक उपग्रह को ले गया है। इसरो ने कहा कि यह स्कैटसैट-1 द्वारा ले गए कू-बैंड स्कैट्रोमीटर पेलोड के लिए एक सतत अभियान है, जिसने वर्ष 2009 में ओशनसैट-2 उपग्रह द्वारा ले जाए गए।

एक और बात जो इस पूरे मिशन को ख़ास बनाती है वो ये कि स्कैटसैट-1 के साथ जिन दो अकादमिक उपग्रहों को ले गया है, उनमें आईआईटी मुंबई का प्रथम और बेंगलूरू बीईएस विश्वविद्यालय एवं उसके संघ का पीआई सैट शामिल हैं।

आपको बता दें कि प्रथम का उद्देश्य कुल इलेक्ट्रॉन संख्या का आकलन करना है, जबकि पीआई सैट अभियान रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोगों के लिए नैनोसैटेलाइट के डिजाइन एवं विकास के लिए है।

पीएसएलवी अपने साथ जिन विदेशी उपग्रहों को ले गया है, उनमें अल्जीरिया के अलसैट-1बी, अलसैट-2बी और अलसैट-1एन, अमेरिका का पाथफाइंडर-1 और कनाडा का एनएलएस-19 शामिल हैं। पीएसएलवी-सी35 की लॉन्चिंग के साथ ही वैज्ञानिकों को बधाई का तांता लग गया। पूरे देशवासियों के साथ साथ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई मंत्रियों ने भी इसरो को बधाई दी है।

प्रणव मुखर्जी –
Hearty congratulations to ISRO on successfully launching PSLV-C35 carrying SCATSAT-1 & 7 co-passenger satellites #PresidentMukherjee

— President of India (@RashtrapatiBhvn) September 26, 2016

प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी –
Moment of immense joy & pride for India. Congratulations to @isro on successful launch of PSLV-C35/SCATSAT-1 & 7 co-passenger satellites. — Narendra Modi (@narendramodi)

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