सौम्या केसरवानी,
अपनी आगामी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज का इंतजार कर रहे फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की भारत में काम कर रहे पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध की मांग आतंकवाद जैसी समस्या का समाधान नहीं है। करण की इस फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान भी शामिल हैं।
मनसे ने शुक्रवार को पाकिस्तानी कलाकारों को धमकी देते हुए भारत छोड़ने के लिए 48 घंटों का अल्टीमेटम दिया था। जिसके बाद से बॉलीवुड में ही एक मामले को लेकर अलग-अलग मत देखे जा रहे हैं।
मनसे की चित्रपट सेना के प्रमुख अमेय खोपकर ने मीडिया से कहा कि जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में 18 सितम्बर को सेना के शिविर पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है। इस हमले में भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए।
करण ने रविवार को एक समाचार चैनल से कहा, ‘मैं अपने आस-पास फैले गुस्से तथा पीड़ा को समझता हूं और मेरा दिल भी हमले में मरने वाले लोगों के लिए रोता है। आतंकवाद के इस कृत्य का किसी भी प्रकार से औचित्य सिद्ध नहीं किया जा सकता। और ऐसे में आपको ऐसी स्थिति (पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध की मांग) का सामना करना पड़ता है। अगर सच में यही समाधान है तो इसे किया जाना चाहिए। लेकिन, यह कोई समाधान नहीं है। मैं इस पर भरोसा नहीं करता। लोगों को व्यापक तौर पर साथ आकर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए और यह कला तथा प्रतिभा पर प्रतिबंध से नहीं हो सकता।’
अपनी फिल्म में पाकिस्तानी कलाकारों को शामिल करने के लिए अक्सर आलोचनाओं का सामना करने वाले करण जौहर का कहना है कि सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर बात करते हुए स्वयं को काफी कमजोर और डरा हुआ महसूस करते हैं। धमकियों का सामना करने के बारे में पूछे जाने पर करण ने कहा, ‘मुझे नहीं पता..मैं सभी से विनती करता हूं कि इसे समग्रता में देखें और स्थिति को समझें। यहां एक बड़ा मुद्दा सामने है और प्रतिभा पर प्रतिबंध से इसका कोई संबंध नहीं हो सकता।’
भारत में पाकिस्तानी कलाकारों को लाने के लिए करण के अलावा शाहरुख खान और भट्ट परिवार भी आलोचनाओं का सामना करते रहे हैं।