एनपी न्यूज़ नेटवर्क | Navpravah.com
चीन ने उइगर मुस्लिमों को ‘देशभक्त’ और ‘वफादार’ बनाने के लिए सरकार ने विशेष ट्रांसफॉर्मेशन कैंप खोल दिये हैं, ये कैंप उइगर मुसलमानों को चीन की सरकार और वहां की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार बनाने के लिए खोले गए हैं।
सरकार का कहना है कि यहां चीनी भाषा सीखने, कानून की पढ़ाई और रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं को कहना है कि सरकार उइगर मुसलमानों की सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने के लिए उन पर जबरन अत्याचार कर रही है।
पाकिस्तान अपनी सीमा के एकदम नजदीक ही मुसलमानों पर हो रहे इस अत्याचार पर एकदम खामोश है, जबकि भारत में मुसलमानों पर कथित आत्याचार को लेकर वो झूठा प्रचार हमेशा करता रहता है।
न्यूयार्क टाइम्स ने एक बहुत बड़ी सी बिल्डिंग की फोटो छापी है, जहां उइगर मुसलमानों को ‘देशभक्त’ और ‘वफादार’ बनाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, यहां रोज कई घंटे की क्लास होती है, जहां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का समर्थन करने की सीख दी जाती है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रशिक्षण का मकसद मुसलमानों में अपने ही धर्म के प्रति आस्था को खत्म करना और चीन के प्रति वफादार बनाना है।
इन प्रशिक्षण कैंप में किसी बाहरी व्यक्ति को जाने की इजाजत नहीं है, इस कैंप की कैद से रिहा हुए एक व्यक्ति ने बताया कि इसमें सैकड़ों उइगर मुसलमानों को जबरदस्ती साम्यवादी साहित्य पढ़ाने और लिखने के लिए मजबूर किया जाता है। उसने बताया कि, यहां चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की तारीफ वाले लैक्टर दिए जाते हैं और कई बार उइगरों को अपनी ही बुराई करने वाले लेख लिखने के लिए कहा जाता है, इसका मकसद ये है कि वो इस्लाम को छोड़कर चीन के प्रति वफादार हो जाएं।