शिखा पाण्डेय,
मंगलयान ने इस हफ्ते ऑर्बिट में अपने तीन साल पूरे करने के साथ साथ एक और उपलब्धि पाई है। मंगलयान द्वारा खींची गई मंगल ग्रह की एक तस्वीर को नेशनल जियोग्राफिक की जानी-मानी मैगजीन के कवर पेज पर छापा गया है। 2000 रुपए के नए गुलाबी नोट पर जगह बनाने में सफल रहे इस मंगलयान की यह अगली बड़ी उपलब्धि है।
आपको बता दें कि तमाम बड़े बड़े देशों की अपेक्षा मंगलयान पर लगे कम कीमत वाले कैमरे ने दर्जन भर तस्वीरें खींची थीं, जिनमें से एक को मैगजीन का कवर बनाया गया है। मंगलयान द्वारा ली गई इस तस्वीर की खासियत यह है कि मंगलयान से पहले दुनियाभर के देशों ने मंगल के लिए लगभग 50 से ज्यादा मिशन किए, लेकिन कोई भी मंगलयान जितनी साफ फोटो नहीं खींच पाया।
गौरतलब है कि भारत ने अपने मंगल मिशन पर कुल 450 करोड़ रुपए खर्च किए थे। उस मिशन का नाम ‘मार्स ओर्बिट मिशन’ रखा गया था। 24 सितंबर 2014 को भारत ने अपना अंतरिक्ष यान मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर इतिहास रच दिया था। यह उपलब्धि हासिल करने के बाद भारत दुनिया में पहला ऐसा देश बन गया, जिसने अपने पहले ही प्रयास में ऐसे अंतरग्रही अभियान में सफलता प्राप्त की थी।
प्रतिष्ठित ‘टाइम पत्रिका’ ने भारत के ‘मंगलयान’ को 2014 के सर्वश्रेष्ठ आविष्कारों में शामिल भी किया था। इसे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐसी उपलब्धि बताया गया था, जो भारत को ‘अंतरग्रहीय अभियानों’ में पांव पसारने का मौका प्रदान करेगी।
टाइम ने मंगलयान को ‘द सुपरमार्ट स्पेसक्राफ्ट’ की संज्ञा दी गई थी। पत्रिका ने कहा, ‘‘कोई भी मंगल ग्रह पर पहली कोशिश में नहीं पहुंचा। अमेरिका नहीं कर सका, रूस नहीं कर पाया और न ही यूरोपीय देश कर पाये, लेकिन 24 सितंबर को भारत ने ऐसा कर दिखाया। ऐसा तब हुआ जब मंगलयान लाल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया, एक ऐसी उपलब्धि जो कोई अन्य एशियाई देश हासिल नहीं कर पाया।’’