ब्यूरो | navpravah.com
अमेरिकी अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत की वजह से हिंसा बेकाबू है। उग्र विरोध प्रदर्शन इतना बढ़ गया है कि कर्फ्यू के बावजूद इसको रोक पाना कठिन हो गया है। देश के प्रमुख शहरों न्यूयॉर्क, फिलाडेल्फिया, शिकागो और वॉशिंगटन समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगा हुआ है, लेकिन प्रशासन प्रदर्शनकारियों में रोक पाने में नाकाम है।
ये सब सिलसिला 25 मई से शुरू हुआ, जब एक अश्वेत नागरिक को एक पुलिस अधिकारी ने गाड़ी से उतारकर ज़मीन पर लिटा दिया और घुटने से उसकी गर्दन दबाये रखा, जिसकी वजह से उस नागरिक की मौत हो गई। इस घटना से अश्वेत लोगों में रोष उत्पन्न हुआ, जिसके बाद अब उन्हें रोक पाना कठिन हो गया है। पूरे अमेरिका में विरोध हो रहा है। विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए बराक ओबामा जैसे कई नेता भी सामने आए लेकिन भड़के हुए लोगों पर किसी की अपील का कोई असर नहीं हो रहा है।
जानकार बताते हैं कि यह विरोध प्रदर्शन इतना उग्र है कि दशकों में ऐसी उग्रता आम जनमानस में देखने को नहीं मिली। पिछले कुछ दशकों से अमेरिका में स्थिति सामान्य स्थिति में रही, विरोध प्रदर्शन हुए लेकिन ऐसी भयावह स्थिति कभी नहीं बनी। इन विरोध प्रदर्शनों के दौरान संपत्तियों, इमारतों में तोड़-फोड़ की गई, कई जगहों पर लूट की वारदात को अंजाम दिया गया, वहीं कई जगहों पर वाहनों को जला दिया गया। कई जगहों पर शांतिपूर्ण चल रहे विरोध प्रदर्शन भी अचानक उग्र हो गए।
वॉशिंगटन में अमेरिकी सैन्य वाहनों को व्हाइट हाउस के करीबी सड़कों पर देखा गया। लाफयेट पार्क में सुरक्षाकर्मियों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है। हजारों लोग इन जगहों पर ह्यूस्टन के निवासी जॉर्ड फ्लॉयड की मौत का विरोध कर रहे हैं।