• कोरोना के चलते बेरोज़गारी झेल रहे थे मज़दूर।
• ख़ुद को असहाय मानने वाले मज़दूर हुए लखपति।
ब्यूरो | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क
कोरोना काल में एक ओर जहाँ सबकी हालत ख़राब है, वहीं पन्ना के कुछ मज़दूरों की क़िस्मत का ताला ही खुल गया। कोरोना काल में जो मज़दूर ख़ुद को असहाय महसूस कर रहे थे, वे लाखों के मालिक बन गए। दरअसल, उथली हीरा खदान में खोदाई कर रहे नौ मज़दूरों को उज्जवल जैम क्वालिटी का 10 कैरेट 69 सेंट का हीरा मिला है।
एक कहावत है ऊपर वाला जब देता है तो छप्पर फाड़ कर देता है। ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में नौ मजदूरों के साथ हुआ। लॉकडाउन के कारण रोजगार न होने के चलते जो मजदूर ख़ुद को असहाय महसूस कर रहे थे। वहीं, अब अचानक इन नौ मजदूरों की किस्मत चमकी है।
दरअसल, लॉकडाउन में मजूदर बेहाल थे। अनलॉक होते ही किस्मत अजमाने के लिए उन्होंने उथली हीरा खदानों का सहारा लिया। पन्ना जिले के ग्राम रानीपुर की एक निजी जमीन पर आनंदी कुशवाहा ने हीरा कार्यालय से हीरा खनन के लिए पट्टा लिया था। इसमें आनंदी सहित नौ लोगों ने पार्टनर होकर खोदाई की। एक सप्ताह पूर्व इन्हें 70 सेंट की रेज (छोटा हीरा) मिली। जिससे उन्होंने खोदाई का काम तेज कर दिया। मंगलवार को इन्हें उज्जवल जैम क्वालिटी का 10 कैरेट 69 सेंट का हीरा मिला। इसकी अनुमानित कीमत पचास लाख रुपये से अधिक है। उन्होंने इसे हीरा कार्यालय में जमा करा दिया है।
इस सम्बंध में पट्टाधारी आनंदी ने बताया कि हम लोग चार-पांच वर्षो से खदान लेते रहे हैं, लेकिन कभी हीरा नहीं मिला। इस बार लॉकडाउन के चलते काम नहीं था तो सोचा कि फिर किस्मत आजमाई जाए। हीरा कार्यालय से रानीपुर के निजी क्षेत्र में 625 वर्ग फीट का पट्टा दो सौ रुपये में लिया। जैसे ही लॉकडाउन हटा, हमने खोदाई शुरू की।