एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
बाबा रामदेव ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उमा भारती के काम से तुलना की थी, अब उस बयान से विवाद पैदा हो गया है, कहा जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती रामदेव से नाराज हो गई हैं।
उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बाबा रामदेव को पत्र लिखा है कि, उनके मुंह से निकला ऐसा कोई भी जुमला उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है, हालांकि इसके बाद खुद बाबा रामदेव ने इस मामले में अपनी ओर से ट्विटर पर बयान जारी कर सफाई दी है।
लंदन में एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान गंगा स्वच्छता कार्यक्रम के संदर्भ में उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा था कि उमा जी की फाइल ऑफिस में अटक जाती थी जबकि गडकरी जी की फाइल नहीं अटकती, देश में सबसे ज्यादा किसी मंत्री का काम दिखता है तो वह नितिन गडकरी का है।
उमा भारती ने पत्र में लिखा है कि लंदन में टेम्स नदी के किनारे से आपने गंगा पर अपने विचार व्यक्त किए, मुझे आपके द्वारा गंगा की विवेचना करते समय दो मंत्रियों की तुलना करना अजीब लगा, पूरी दुनिया के सामने लंदन से एक टीवी चैनल पर मेरे बारे में चर्चा करते समय शायद यह आपको ध्यान नहीं रहा कि आप मुझे निजी तौर पर आहत कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा कि, इस योजना में शुरू से ही नितिन जी भागीदारी रहे हैं, अब वे मेरी भी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं, गंगा पर पहले जो हुआ उसमें उनकी भूमिका थी, अब जो हो रहा उसमें मेरी भूमिका है, इसमें तुलना नहीं हो सकती।
उन्होंने आगे लिखा है कि आठ साल की उम्र से अभी तक इन 50 सालों में घोर परिश्रम, विचारनिष्ठा और राष्ट्रवाद मेरी शक्ति है, यही मेरी विश्ववसनीयता के आधार रहे, चालाकी, चापलूसी और साजिश मुझे आती नहीं,इसके बिना ही मेरा काम चल गया और आगे भी चल जाएगा।
उमा ने बाबा रामदेव को अपना मार्गदर्शक बताते हुए उन्हें याद दिलाया कि आपके मुंह से निकला कोई भी जुमला मुझे हानि पहुंचा सकता है, पत्र के अंत में उन्होंने ये भी कहा कि मेरा जीवन तो गंगा से जुड़ चुका है, अपनी जान पर खेलकर भी गंगा का कार्य करके रहूंगी।