राजेश सोनी | Navpravah.com
लोकसभा चुनाव में अगर भाजपा ने जीत के लिए किसी शब्द का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया था, तो वह था गुजरात मॉडल। लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में गुजरात मॉडल नदारद है। गुजरात चुनाव इस बार औरंगजेब, शाहजहां, जनेऊ धारी हिन्दू और जवाहरलाल नेहरू की भूमिका के मुद्दों पर लड़े जा रहे हैं। गुजरात मॉडल के कारण भाजपा को देश की जनता ने 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का मौका दिया।
गुजरात मॉडल को 2014 में आधारभूत संरचनाओं, सड़क आदि के लिए संपन्न राज्य बताया गया था। लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने गुजरात मॉडल का मायना समझाया। बीजेपी ने बताया कि कैसे गुजरात की तरह देश को भी संपन्न बनाया जा सकता है। गुजरात मॉडल ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘सिंगल विंडो क्लियरेंस’ के लिए है, जिसके तहत नैनो प्लांट को सिंगुर से साणंद लाया गया।
भाजपा, कांग्रेस पर जाति-धर्म की विवादित राजनीति करने का आरोप लगा रही है। इस मसले पर भाजपा का कहना है कि कांग्रेस, गुजरात चुनाव के लिए बाहरी नेताओं को तवज्जो दे रही है। बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये राज्य की जनता को जाति-धर्म के आधार पर बाँट रहे हैं।
गौरतलब है कि महात्मा गाँधी और सरदार पटेल जैसे बड़े नेता गुजरात से ही आते हैं। अब इस राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बोलबाला है।