अयोध्या विवादः 8 फरवरी के बाद न टले केस की सुनवाई -सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्‍या विवाद की रोजाना सुनवाई की याचिका की रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्‍या विवाद की रोजाना सुनवाई की याचिका की रद्द
सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
बाबरी मस्जिद विध्वंस को आज 25 साल पूरे हो गए हैं। कल सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में सुन्नी बोर्ड की ओर से पक्ष रखते हुए वकील कपिल सिब्बल ने इस केस की सुनवाई को 2019 तक टालने की बात कही, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को मानने से इंकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि बाहर क्या चल रहा है, इससे फर्क नहीं पड़ता है, कोर्ट तथ्यों पर केस को सुनता है। इसके अलावा कोर्ट ने बड़ी बेंच की मांग को भी ठुकरा दिया, उन्होंने कहा कि सुनवाई 3 जजों की मौजूदा बेंच ही करेगी। कोर्ट ने वकीलों से कहा कि 8 फरवरी तक अपने सभी दस्तावेज तैयार कर लें, क्योंकि उसके बाद तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि अगर वकीलों को मामले को लेकर कोई भी समस्या आती है, तो वह सीधे तौर पर चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया से संपर्क कर सकते हैं।
सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने दलील दी कि सुनवाई को जुलाई 2019 तक टाल दिया जाए, क्योंकि मामला राजनीतिक हो चुका है। सिब्बल ने कहा कि कोर्ट को देश में गलत संदेश नहीं भेजना चाहिए, बल्कि एक बड़ी बेंच के साथ मामले की सुनवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण बीजेपी के 2014 के घोषणापत्र में शामिल है, कोर्ट को बीजेपी के जाल में नहीं फंसना चाहिए।
दूसरी ओर राम लला की ओर से वकीलों ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दूसरे पक्षकार कोर्ट को केस का राजनीतिक प्रभाव ध्यान में रखने को कह रहे हैं। रामलला का पक्ष रख रहे हरीश साल्वे ने कोर्ट में बड़ी बेंच बनाने का विरोध किया और कहा कि बेंच को कोर्ट के बाहर चल रही राजनीति पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.