सौम्या केसरवानी| Navpravah.com
आज आपको एक ऐसा कानून बता रहे हैं जो कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की तकलीफ को और बढ़ा रहा है, दरअसल, राजस्थान के पंचायतीराज चुनावों का कानून है जिसके तहत कुष्ठ रोगियों को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है, लेकिन कुष्ठ रोगी मतदान कर सकते हैं।
भारत के संविधान के मुताबिक, जो व्यक्ति मतदान कर सकता है, उसे चुनाव लड़ने का भी पूरा अधिकार होता है, लेकिन हैरानी की बात ये है कि राजस्थान में कुष्ठ रोगी मतदान तो दे सकता है, पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।
यह फरमान आज से नहीं, बल्कि पिछले 34 साल से चला जा रहा है, राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 के सेक्शन एम में लिखा है कि कुष्ट रोगी पंचायतीराज चुनाव नहीं लड़ सकता, जबकि कुष्ठ रोग ऐसा रोग है, जो ठीक हो सकता है।
सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी ने भी माना की इस कानून में बदलाव जरूर होना चाहिए, उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर पर इस नियम को संशोधन किया जाएगा।
धारा 19 एफ के मुताबिक, कोई स्त्री या पुरूष अगर कुष्ठ रोग से पीड़ित है या फिर किसी अन्य ऐसी गंभीर शारीरिक या मानसिक रोग से पीडित है, जिससे की उसके काम करने में परेशानियां हो सकती है, ऐसी स्थिति में वो चुनाव नहीं लड़ सकते, वहीं दिव्यांगो की हक की लड़ाई लड़ रहे विकलांग अधिकार महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंन्त गोयल ने भी माना की इस कानून से कुष्ठ रोगियों का हनन हो रहा है।