राजेश सोनी । Navpravah.com
कर्नाटक में आयोजित धर्मसंसद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंचालक मोहन भागवत ने अयोध्या मामले पर कल एक बयान दिया था। इस बयान के बाद आज मुस्लिम संगठनों ने मिलकर भागवत के बयान को खारिज किया और इसे सुप्रीम कोर्ट के लिए चुनौत बताया।
भागवत ने कल कर्नाटक में चल रही धर्मसंसद में कहा था कि राम जन्मभूमि पर सिर्फ राम मंदिर ही बनेगा वहाँ और किसी ढाँचे का निर्माण नहीं हो सकता। इस बयान के बाद देश में सियासत तेज हो गई है। मुस्लिम संगठनों का साफ़ कहना है कि आयोध्या विवाद में आरएसएस कोई पक्षकार भी नहीं है, तो भागवत को ऐसे बयान देने की क्या जरुरत है। ऐसे में इस तरह के बयानों से समाज में तनाव निर्माण हो सकते है।
वहीं विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के कहने पर भागवत ने ये बयान दिया है। कांग्रेस के प्रवक्ता का कहना है कि जब चुनाव आता है भाजपा और आरएसएस वालों को भगवान राम की याद आ जाती है। आपको बता दें कि दिसंबर महीने की 5 तारीख़ से आयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में आखरी सुनवाई होने जा रही है। और ऐसे में भागवत के बयान ने राजनीतिक गलियारे में खलबली मचा दी है।