एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
कैबिनेट ने आज एक बड़े फैसले के तहत पोक्सो एक्ट में बदलाव के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इस बैठक में ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ यानी पॉक्सो एक्ट में संशोधन को हरी झंडी दी गई है।
इस संशोधन केे तहत देश में 12 साल या उससे कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप के दोषियों को मौत की सजा दी जा सकेगी, तीन घंटे चली इस मीटिंग में मुख्तार अब्बास नकवी, उमा भारती और स्मृति ईरानी, पियूष गोयल, जे पी नड्डा, रविशंकर प्रसाद। डॉक्टर हर्षवर्धन भी उपस्थित थे।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक प्रधानमंत्री निवास पर बुलाई गई थी, इस बैठक में पोस्को एक्ट में संशोधन और अध्यादेश लाने पर मंथन किया गया। इस बैठक में फ्युजिटिव अफेंडर्स बिल 2018 पर भी अध्यादेश के रूप में चर्चा की गई। बता दें यह बिल संसद में अभी लंबित है।
जानकारी के मुताबिक, पाॅक्सो एक्ट में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि वह बच्चियों के साथ रेप के बढ़ते मामले को रोकने के लिए कानून में किस तरह का बदलाव कर रहे हैं।
इस पर सरकार ने बताया था कि पाॅक्सो एक्ट में संशोधन की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इस संशोधन के बाद 0 से 12 साल की बच्चियों के साथ रेप और अपराध के मामले में अब मौत की सजा का प्रावधान किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के उन्नाव के अलावा और जम्मू कश्मीर के कठुआ में नाबालिग बच्ची के बाद सामने आ रही ऐसी घटनाओं को लेकर देशभर में गुस्से के माहौल है। पॉक्सो कानून के फिलहाल प्रावधानों के अनुसार इस जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है। वहीं, न्यूनतम सजा 7 साल की जेल है।