पारुल पाण्डेय | Navpravah.com
अब तक आपने केवल गुर्दे या ह्रदय प्रत्यारोपण की खबरें पढ़ी होंगी, लेकिन अब सिर के प्रत्यारोण में भी कामयाबी मिल गई है। इसके प्रयोग के लिए पिछले दिनों बन्दर का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन पहली बार सिर प्रत्यारोपण को चिकित्सा विज्ञान की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। यह कारनामा इटली के न्यूरोसर्जन सर्जिओ कैनेवरो और उनकी टीम ने कर दिखाया है। 18 घंटे तक चली सर्जरी एक शव पर की गई।
ऑपरेशन में लगे चिकित्सकों के समूह ने साबित किया कि मानव रीढ़, तंत्रिकाओं और रक्त वाहिकाओं को दोबारा जोड़ना संभव है। हालांकि डॉक्टर कैनेवरो ने इस परीक्षण की सफलता के दावे का कोई पक्का सबूत नहीं दिया है। फिर भी उसका भरोसा है कि कुछ दिन बाद वह परीक्षण के दस्तावेज उपलब्ध करा देंगे। सर्जिओ ने बताया कि वह दिसंबर में जीवित इंसान का हेड ट्रांसप्लांट करने की तैयारी में हैं।
टूरिन एडवांस्ड न्यूरोमाडुलेशन ग्रुप के निदेशक और इटली के प्रोफेसर कैनेवरो ने बताया कि हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी के दर्जनों डॉक्टर्स की मदद से इस प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। इसके बाद डॉक्टर सर्जिओ ब्रेन डेड व्यक्ति के दान किए अंगों से ट्रांसप्लांट करेंगे। यह हेड ट्रांसप्लांट का अंतिम चरण होगा। उन्होंने कहा कि हमें इस ऑपरेशन के सफल होने की उम्मीद है, जिसके बाद हमें मंजूरी मिल सकेगी।
डॉक्टर्स ने बताया कि हम इसके बाद जीवित इंसान पर भी यह ऑपरेशन करेंगे। रूस के 31 वर्षीय कंप्यूटर साइंटिस्ट वलेरी स्पिरिडोनोव की हेड ट्रांसप्लांट सर्जरी होगी। वे मांसपेशी क्षतिग्रस्त होने के असाध्य रोग से पीड़ित हैं और उन्होंने खुद पर परीक्षण किए जाने के लिए सहमति दी है। जिसके बाद यह ऑपरेशन लकवे से पीड़ित लोगों के लिए एक नई उम्मीद बनेगा।
बता दें कि इससे पहले चीन में डॉक्टर कैनेवरो की टीम ने बंदर के सिर का सफल ट्रांसप्लांट किया था। जो 20 घंटे तक जीवित रहा था। 1970 में रॉबर्ट जे व्हाइट ने भी एक बंदर पर परीक्षण किया था, उस समय वो ऑपरेशन सफल नहीं हो सका था।