•अपने 8 जवान खोने होने के बाद पुलिस भी आक्रामक।
•सुबह फिर हुई मुठभेड़ में विकास के मामा व चचेरे भाई को पुलिस ने किया ढेर।
•समाजवादी पार्टी से निकला गैंगस्टर का कनेक्शन।
विवेक कुमार द्विवेदी | नवप्रवाह डॉट कॉम
बीती रात कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे व उसके गुंडों ने छत के ऊपर से जो पुलिस पर खूनी तांडव किया, उससे कानपुर ही नहीं पूरा प्रदेश दहल गया है। 8 पुलिसकर्मियों की शहादत व सात पुलिसकर्मी घायल होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि हर हालत में विकास दुबे को गिरफ्तार करके ही पुलिस वापस लौटे।
इस मामले में पुलिस हिस्ट्रीशीटर की गिरफ्तारी के लिए जगह जगह दबिश डाल रही है। एक बार फिर सुबह हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर विकास दुबे के चचेरे भाई अतुल दुबे और उसके मामा प्रेम प्रकाश पांडे को पुलिस ने ढेर कर दिया है। इस मामले में आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ में पुलिस जुटी है। इसके साथ ही पुलिस ने बॉर्डर के सारे रास्ते भी सील कर दिए हैं।
चौबेपुर के विकरू गांव निवासी विकास दुबे तीन दशकों से गुंडई व आतंक का पर्याय बन चुका था। जमीनों के अवैध कब्जे व जमीन हड़पने में शातिर था। जमीनों में कब्जों के लिए सुपारी लेता रहा है। वर्ष 2001 में उस पर दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भाजपा नेता संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप लगा था। उसके खिलाफ चौबेपुर थाने में ही 7 बार गैंगस्टर व 6 बार गुंडा एक्ट व हत्या के प्रयास के मामले में 12 मुकदमे दर्ज है। इस प्रकार प्रदेश में उसके खिलाफ 60 से अधिक हत्या व लूट के मामले दर्ज है। उसके पास अत्याधुनिक हथियार भी थे।
कल हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस ने खोखे बरामद किए हैं। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। जो आज पुलिस के जवान शहीद हुए हैं उनमें देवेंद्र मिश्रा (CO बिल्हौर), महेश यादव थाना प्रभारी शिवराजपुर, अनूप कुमार चौकी इंचार्ज मंधना, नेबूलाल सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर, सुल्तान सिंह सिपाही चौबेपुर व बिठूर थाने के सिपाही राहुल, जितेंद्र, बबलू शामिल है। घायलों में एसओ कौशलेंद्र, दरोगा प्रभाकर पाण्डेय व सिपाही अजय सेंगर, अजय कश्यप, शिवमूरत व जयराम पटेल होमगार्ड शामिल हैं, जिनका कानपुर रीजेंसी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इस मामले में पुलिस ने विकास दुबे के बहनोई दिनेश तिवारी व नौकरानी रेखा के पति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। व कानपुर समेत हर तरफ भी बॉर्डर को सील कर दिया गया है। ताकि हिस्ट्रीशीटर बच के न निकल सके। अभी भी पुलिस जंगलों पर दबिश डाल रही है। पुलिस का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे बच के नहीं जा सकेगा। उधर राजनीति हलकों में भी विपक्ष द्वारा आरोप लगाए रहे हैं कि विकास दुबे का सत्ता का संरक्षण था। जबकि भाजपाइयों का कहना है कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य विकास दुबे की पत्नी रेखा दुबे भी जिला पंचायत का चुनाव सपा के बैनर से लड़ी थी और विकास का कनेक्शन समाजवादी पार्टी से ही रहा है।