एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले का ट्रायल जम्मू कश्मीर से बाहर करने की पीड़िता के पिता की अर्जी स्वीकार कर लिया है और केस को पठानकोट सत्र न्यायालय में भेज दिया है।
केस की सुनवाई चंडीगढ़ स्थानांतरित करने को लेकर दायर पीड़िता के पिता की अर्जी पर कोर्ट ने यह आदेश दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच से इनकार कर दिया है।
आरोपियों ने मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपने को लेकर याचिका दायर की थी। प्रधान न्यायाधीश Punjab दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई की, पीठ ने इससे पहले 7 मई तक के लिए मामले की सुनवाई को स्थगित करने का आदेश दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले को पठानकोट स्थानांतरित किया करते हुए कहा कि कठुआ मुकदमे की सुनवाई अदालत के बंद कमरे में होनी चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने कठुआ मामले में किसी देरी से बचने के लिये दैनिक आधार पर फास्ट ट्रैक सुनवाई करने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले में सुनवाई पर लगाई गई रोक को हटा दिया है। न्यायालय ने कहा कि मामला उसके पास है। कोई और अदालत इस संदर्भ में आदेश पारित नहीं करेगी। मामले में पीड़ित के परिजनों और उसके मामले की पैरवी कर रही वकील की सुरक्षा बरकरार रहेगी।
सामूहिक दुष्कर्म के बाद की गई बच्ची की हत्या
कठुआ की आठ साल की बच्ची का 10 जनवरी को अपहरण कर लिया गया था। बच्ची को एक मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया था।
इस दौरान उसे भूखा रखा गया और नशीली दवाइयां दी गई और बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इसके बाद बच्ची की हत्या कर दी गई थी और बच्ची का शव 17 जनवरी को रसाना गांव के जंगल से मिला था।